मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो उनकी सरकार राज्य की नई औद्योगिक नीति में बदलाव कर सकते हैं। श्री कुमार ने पटना में आयोजित ‘उद्यमी पंचायत’ को संबोधित करते हुये कहा कि उनकी सरकार आवश्यकतानुसार नई औद्योगिक नीति में अपेक्षित बदलाव करने और राज्य में उद्योगों के विकास के लिए उद्योगपतियों की ओर से उठाये जाने वाले मुद्दों पर विचार करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन करेगी। इस समिति में वित्त विभाग, वाणिज्यकर विभाग और उद्योग विभाग के प्रधान सचिव सदस्य होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में तीव्र औद्योगीकरण के लिए निजी औद्योगिक क्षेत्रों का विकास काफी जरूरी है और इस दिशा में उद्योगपतियों द्वारा भी महत्वपूर्ण कदम उठाया जाना अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि राज्य के आर्थिक विकास की गति को तीव्र बनाये रखने के यहां कृषि और उद्योग क्षेत्र में मौजूद अपार संभावनाओं का दोहन आवश्यक है। श्री कुमार ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र के तेज विकास के साथ राज्य में अधिक से अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए निवेशकों के अनुकूल माहैल तैयार किया गया है। साथ ही राज्य में कानून का राज कायम है। इस मौके पर कई उद्योगपतियों समेत उद्योग संगठन बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स और बिहार उद्योग संघ के प्रतिनिधि शामिल हुये।