वोटरलिस्ट में स्त्रि को पुरुष और तलाकशुदा को विधवा बना देना आम बात है पर बिहार सरकार के सूचना और जनसंपर्क विभाग ने एक पोस्टर में  मशहूर अभिनेत्री को ही विधवा के रूप में पेश कर दिया. क्या मामला है ?

फिल्म वाटर के पोस्टर में लीसा और नीचे देखें बिहार सरकार की विध्वा इसी तस्वीर का अंश
फिल्म वाटर के पोस्टर में लीसा और नीचे देखें बिहार सरकार की विध्वा इसी तस्वीर का अंश

मुकेश कुमार

क्या आपको मालूम है की कनाडा की मशहूर फिल्म अभेनेत्री लीसा रानी रे बी.पी.एल. परिवार की विधवा है? चौकिए मत! परन्तु बिहार सरकार,लीसा रानी रे को बी.पी.एल. परिवार की विधवा मानती है.सुचना एवं जनसंपर्क विभाग बिहार,पटना द्वारा जनहित में जारी एक पोस्टर देखने से तो यही पता चलता है.लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के लिए जारी किये गए पोस्टरों में लीसा रानी रे की तस्वीर नजर आती है.इस विभाग द्वारा जारी पोस्टर में लीसा रानी रे को विधवा दिखाया गया है.जबकि लीसा रानी रे अपनी पति जसोंन देहाणी के साथ वैवाहिक जीवन का आनंद ले रही हैं.

क्या है योजना:—–

लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना को मुख्यत: विधवाओं के कल्याण के लिए वर्ष 2007 में आरंभ किया गया है.वर्तमान में इस योजना में वैसी विधवा महिला को पेंशन दिया जाता है

(i) 18-39 वर्ष आयु वर्ग की हो एवं जो या तो बी.पी.एल. परिवार की हो या जिनकी वार्षिक आय रु. 60000/- से कम हो.

(ii) 40 से 59 वर्ष आयु वर्ग की हो एवं जिनकी वार्षिक आय रु. 60000/- से कम हो.

(iii) 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की हो एवं जिनकी वार्षिक आय रु. 60000/- से कम हो.
क्या है मामला:—–

 

लीसा रानी रे को लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के पोस्टरों में दिखाया गया है जो मुख्यत: विधवाओं के कल्याण के लिए है.दरअसल लीसा रे ने 2005 में दीपा मेहता की फिल्म “वाटर” में काम किया था इस फिल्म में 1938 में वाराणसी के आश्रम में विधवाओं की दशा का चित्रण किया गया है.

 

सनद रहे की यह कनाडा की ओर से ओस्कर पुरस्कारों हेतु विदेशी वर्ग की श्रेणी में आधिकारिक प्रविष्टियों में थी.

सूचना और जनसंपर्क विभाग,बिहार ने इसी फिल्म से एक तस्वीर उठाई और जनहित के लिए जारी कर दिया.शायद बिहार के नौकरशाह प्रचार हेतु अपने पोस्टरों में ग्लैमर का तड़का लगाना चाहते थे.

यह है बिहार सरकार पोस्टर, यहां देखें वाटर की लीसा रे को
यह है बिहार सरकार पोस्टर, यहां देखें वाटर की लीसा रे को

इसी कारण लीसा रानी रे की तस्वीर लगा दी गई.यह योजना 2007 से लागू हुई है तब से इन पोस्टरों में दो मुख्यमंत्री के चेहरे(नीतीश कुमार ,जीतनराम मांझी)लगाये गए परन्तु इस तस्वीर पर किसी का ध्यान नहीं गया.अगर फिल्म के स्तर पर भी बात करें तो “वाटर” फिल्म में विधवा पुनर्विवाह और समकालीन समाज में उनकी दारुण दशा का चित्रण किया गया है.जबकि बिहार सरकार की योजना का उद्देश्य कुछ और ही है.

 प्रसंगवश:—-

24 जनवरी,2011, को महिला व बाल विकास मंत्रालय,भारत सरकार ने राष्ट्रीय बालिका दिवस पर एक विज्ञापन जारी किया था.इसमें कपिलदेव,अमजद अली खान,वीरेंद्र सहवाग के साथ-साथ सेवानिवृत पाकिस्तानी एयर मार्शल तनवीर महमूद अहमद की तस्वीर लगाई थी.मीडिया जब इसको संज्ञान में लाया तब उस तत्कालीन मंत्री कृष्णा तीरथ ने क्षमा मांगते हुए इस चूक की जांच के आदेश दिए थे.

सूचना और जनसंपर्क विभाग की इस गलती के पीछे समाचार पत्रों की चुप्पी क्या कोई संकेत देता है? क्या यह संभव है की सात बर्षों तक प्रचारित

 

इस पोस्टर पर किसी की नज़र नहीं गई होगी? पत्रकर और समाचारपत्र प्रबन्धन के साथ इस विभाग से कुछ रिश्ते ऐसे होतें हैं की इसको न छेड़ना ही उचित रहा हो.यह संभावना,शायद हकीकत भी हो सकती है.

By Editor


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