जानेमाने समाजशास्त्री व आप के नेता योगेंद्र यादव ने कहा है कि बिहार विधान सभा के उपचुनाव में गठबंधन की जीत भले ही हुई हो, लेकिन इसमें सामाजिक न्याय की पराजय हुई है। शनिवार को पटना में समाजवादी चिंतक व पूर्व सांसद किशन पटनायक की पुण्यतिथि पर आयोजित संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि बिहार में पहले लड़ाई समाजवाद बनाम समाजवाद के बीच थी। वह लड़ाई भाजपा बनाम गैरभाजपा में तब्दील हो गयी है। उन्होंने कहा कि बिहार में एक राजनीतिक खाई पैदा हुई है और इस खाई को भरने का मौका समतावादी राजनीति करने वालों के पास है।
बिहार ब्यूरो प्रमुख
किशन पटनायक के वैचारिक धरातल की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि किशन जी ने समतावादी विचारों की अलग-अलग धाराओं को जोड़ने का प्रयास किया था। उन्होंने मार्क्स और लोहिया के विचारों के बीच समन्वय के बिंदु तलाशने के प्रयास किए। वर्ग व जाति के बीच समान मुद्दों की तलाश के प्रयास किए। वे इन दो धाराओं की सच्चाइयों को स्वीकार करते हुए आगे की राह निकालने के हिमायते थे।
योंगेद्र यादव ने कहा कि नरेंद्र मोदी की विचारधारा लोकतंत्र, बदलाव और विकास विरोधी है और यह देश के लिए खतरनाक प्रवृत्ति है। नरेंद्र मोदी देश में नये तरह के अधिनायकवाद की राजनीति कर रहे हैं। सरकार की पूरी नीति कॉरपोरेट जगत की हिमायती हो गयी है। उन्होंने कहा कि राजनीति के विकल्प, राजनैतिक विकल्प और वैकल्पिक राजनीति तीनों अलग-अगल चीजे हैं। हम वैकल्पिक राजनीति की बात करते हैं। इस वैकल्पिक राजनीति में नया विचार, नया संकल्प, नया संगठन और नयी ऊर्जा का समावेश होगा। समाजशास्त्री श्री यादव ने कहा कि वैकल्पिक राजनीति के लिए विचार व ऊर्जा दोनों की अपेक्षा है।
इस आयोजन में सोमनाथ त्रिपाठी, घनश्याम शुक्ल, महेंद्र यादव, शिवपूजन सिंह, अशोक यादव, सुजीत, मनोज आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। इस मौके पर पूर्व मंत्री परवीन अमानुल्लाह, पूर्व विधायक सोमप्रकाश सिंह, राज्य महिला आयोग की सदस्य चौधरी मायावती, सुरेश कुमार आदि भी मौजूद थे।
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