सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल की अगुवाई वाले महागठबंधन में शामिल हुये हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने आज कहा कि राज्य में तीन सीटों पर हुये उपचुनाव के परिणाम से राजग को सीख लेने की जरूरत है।
श्री मांझी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य में अररिया लोकसभा सीट तथा जहानाबाद और भभुआ विधानसीट पर हुये उपचुनाव के नतीजे से राजग को सीख लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में दलित और महादलित मतदाताओं के महागठबंधन की ओर आकर्षित होने की बदौलत ही अररिया लोकसभा सीट और जहानाबाद विधानसभा सीट पर महागठबंधन प्रत्याशी की जीत हुई है।
पूर्व मुख्यमंत्री श्री मांझी ने आरोप लगाते हुये कहा कि चुनाव आयोग के साथ राजग के सांठगांठ के कारण ही भभुआ विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार की जीत मिल पाई है। उन्होंने कहा कि उप चुनाव के दिन 11 मार्च को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के खराब होने से भभुआ में 27 मतदान केंद्रों पर मतदान नहीं हो सका था। इसके बाद पुनर्मतदान के दिन भी दो बूथों पर ईवीएम खराब हो गये थे। इससे यह स्पष्ट होता है कि चुनाव आयोग के इशारे पर ही भाजपा ने यह सीट जीती है।
हम अध्यक्ष ने कहा कि मैं बिहार में शराबबंदी के पक्ष में था और आज भी हूं लेकिन इसके नाम पर कानून का गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज बिहार में एक लाख 36 हजार लोग शराब का कारोबार करने और पीने के कारण जेल में बंद हैं, जिनमें से अधिकांश गरीब और अनुसूचित जाति के हैं। मैने इससे पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा था कि इस तरह का कानून नहीं लायें और जब मैं राजग में था उस समय भी श्री कुमार से इस संबंध में अनुरोध किया था। शराबबंदी के नाम पर सरकार राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है। अब लोगों को आसानी से शराब मिल रही है।