उम्मीदवारों के लिए चुनावी खर्चों से संबंधित अलग बैंक खाते रखने के प्रावधान के निर्देश को लेकर एक याचिका उच्चतम न्यायालय में दायर हुई है। पेशे से वकील एवं भारतीय जनता पार्टी नेता अश्विनी उपाध्याय ने एक जनहित याचिका दायर करके चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अधिसूचना जारी होने से परिणामों की घोषणा के दिन तक के खर्चों का लेखाजोखा रखने का दिशानिर्देश देने का न्यायालय से अनुरोध किया है।
याचिका में इस बात के भी निर्देश दिये जाने का न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि राजनीतिक दलों की ओर से अपने उम्मीदवारों को दी जाने वाली चुनावी वित्तीय सहायता जन प्रतिनिधित्व कानून (आरपीए) 1951 की धारा 77(तीन) के तहत निर्धारित राशि से अधिक न हो। याचिकाकर्ता ने कहा है कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार की ओर से दो हजार रुपये से अधिक के वित्तीय लेनदेन यदि निर्दिष्ट बैंक खातों के माध्यम से नहीं किया जाता है तो उसे चुनावी खातों में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे मामलों को भारतीय दंड संहिता की धारा 171-आई के तहत अपराध के रूप में दर्ज किया जाना चाहिए।