मालेगांव ब्लास्ट के मुख्य आरोपी व सस्पेंडेड फौजी कर्नल पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत देने पर उर्दू अखबारों ने कोहराम मचा दिया है. देश के तमाम उर्दू अखबारों ने इसे बैनर हेडलाइन के तौर पर छापा है तो कई अखबारों ने इस पर लम्बे आलेख छापे हैं.
मुम्बई और पटना, दिल्ली समेत 15 जगहों से एक साथ प्रकाशित होने वाले अखबार इंकलाब ने भगवा दहशतगर्दों पर ‘शिकंजा ढ़ीला, कर्नल पुरोहित को भी जमानत मिल गयी’ शीर्षक से खबर लगायी है. अखबार ने इस जमानत के विरोध में सीता राम येचुरी, और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की टिप्पणी प्रकाशित की है.
महाराष्ट्र जमीतुल उलेमा जो इस मामले में जमानत के खिलाफ केस लड़ रही है, के प्रमुख गुलजार आजमी ने कहा कि कर्नल पुरोहित की जमानत रद्द करनाने के लिए वह एड़ी चोटी की कोशिश करेंगे.
इसी खबर पर रोजनामा राष्ट्रीय सहारा ने अग्रलेख प्रकाशित करते हुए कर्नल पुरोहित की आतंकी गतिविधियों को उल्लेख किया है. इस आलेख में बताया गया है कि पुरोहित ने अभिनव भारत नामक आतंकी संगठन बना रखा था जिसने 2008 में मालेगांव में विस्फोट किया था जिसमें अनेल मुसलमानों की मौत हो गयी थी. लेख में बताया गया है कि कर्नल के विदेशों से भी सम्पर्क थे.
बिहार के उर्दू अखबार कौमी तंजीम ने कर्नल पुरोहित की जमानत पर मालेगांव के विधायक आसिफ शेख का बयान छापा है जिसमें उन्होंने कहा है कि जब से भाजपा सत्ता में आयी है तब से मालेगांव ब्लास्ट के आरोपियों को एक एक करके जमानत मिलती जा रही है. आसिफ शेख ने कहा है कि अब तक इस विस्फोट में शामिल चार आतंकियों को जमानत मिल गया है.
पिंदार ने इस खबर में लिखा है कि एक वकील पर दबाव बनाया गया कि वह मालेगांव ब्लास्ट के आरोपियों की मदद करें जिसके बाद उन्होंने दबाव स्वीकार करने के बजाये खुद को केस से अलग कर लिया.