यह सच्चाई भाजपा शासित राज्य झारखंड की है जहां राज्य सरकार ने शिक्षक बहाली में उर्दू शिक्षकों के पदों की संख्या घटाने के लिए ऐसा खेल खेला है जिसे जान कर आप हैरान रह जायेंगे.
कामरान गनी की रिपोर्ट
झारखंड में शिक्षक बहाली की प्रक्रिया पुनः आरम्भ की गई है. झारखण्ड अधिविध परिषद ने पूर्व में प्रकाशित विज्ञापन को निरस्त करते हुए पुनः आवेदन आमंत्रित किए हैं परन्तु आश्चर्यजनक बात यह है कि नए विज्ञापन में उर्दू की पहले से निर्धारित रिक्तियों में बिना किसी अनुकूल कारण के कमी कर दी गई है.
ज्ञात रहे कि झारखण्ड में अप्रैल 2013 में शिक्षा पात्रता परीक्षा हुई थी और उसी वर्ष मई में परीक्षा के परिणाम भी घोषित कर दिए गए थे. परन्तु तब से अब तक शिक्षकों की बहाली नहीं की जा सकी है.
पिछले महीने परिषद द्वारा विज्ञापन निकालकर बहाली की प्रक्रिया शुरू की गई थी परन्तु परिषद ने पुराने विज्ञापन को निरस्त कर पुनः नए सिरे से बहाली की प्रक्रिया आरम्भ की है. परिषद द्वारा अलग-अलग जिलों के लिए जो विज्ञापन प्रकाशित किया गया है उसमे उर्दू विषय के पदों की संख्या के साथ खुले तौर पर नाइंसाफी की गई है.
विज्ञापन की हेराफेरी
जहां पूर्व में प्रकाशित विज्ञापन में उर्दों पदों की संख्या नये विज्ञापन में भारी कटौती करके उर्दू भाषी प्रतियोगियों की संख्या कम करने का जबर्दस्त खेल खेला गया है.पहले के विज्ञापन की तुलना में नए विज्ञापन में उर्दू की रिक्तियों में बिना कोई कारण बताए कमी कर दी गई है.
ये है खेल
बोकारो जिले में कक्षा छ: से आठ के लिए पूर्व में प्रकाशित विज्ञापन (विज्ञापन संख्या: 02/2015-16) में उर्दू के लिए कुल 37 रिक्तियां दिखाई गई थीं परन्तु नए विज्ञापन (विज्ञापन संख्या: 03/2015-16) में इसे घटा कर केवल एक कर दिया गया है. इसी प्रकार दुसरे जिलों में भी उर्दू की रिक्तियां कम कर दी गई हैं. परिषद द्वारा उर्दू की रिक्तियों में बिना किसी कारण के कमी किये जाने पर अभियार्थियों में जबरदस्त आक्रोश है.
उम्मीदवारों ने राज्य में उर्दू के विकास के लिए काम करने वाली संस्थाओं, बुध्धिजीवियों और राजनीतिक दलों के नेताओं से इस खुली नाइंसाफी के विरुद्ध आवाज़ उठाने की मांग की है. ज्ञात रहे के परिषद ने 8 अगस्त 2015 तक पुन: फार्म जमा करने की तिथि निर्धारित की है.
Comments are closed.