बिहार के नवादा में ‘समाज बचाओ आंदोलन’ द्वारा ‘काले धन की राजनीति’ विषय पर एक परिचर्चा के आयोजन किया गया। परिचर्चा में पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने भारतीय राजनीति में काले धन के बढ़ते प्रभाव पर अपनी चिंता व्यक्त की।
इस अवसर ‘समाज बचाओ आंदोलन’ के मुख्य संयोजक व अधिवक्ता मोहम्मद काशिफ यूनुस ने सभा में उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि वे आम जनता को उस तंत्र का भांडा फोड़ने में मदद करें जो काला धन पैदा करता है।
उन्होंने कहा कि इस ब्लैक मनी के बारे में लोगों को जागरूक करना और उसका विरोध करना आज की जरूरत है.
काशिफ ने कहा कि ब्लैक मनी के बारे में एक राजनीतिक दाल दावा करता है कि वह सौ दिन में इसे अपने देश में वापस लायेगा लेकिन सच्चाई है कि इसे लंबे कठोर संघर्ष के द्वारा ही लाना संभव है.
इस अवसर पर आंदोलन के सह संयोजक डॉ प्रकाश प्रसाद ने उपस्थित लोगों से वायदा किया कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक हम अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर लें.
परिचर्चा में मौजूद बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य प्रमुख मुख्तारुल हक़ ने कहा कि ये काले धन वाले बाल अधिकारों का भी हनन करने वाले हैं। अपने संस्थानों में ये बाल मजदूरों का शोषण भी करते हैं। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार रत्नाकर, आलोक वर्ध, हरिहर नाथ एम.क्यू जौहर, अजित कुमार, डी क़े यादव, रणजीत यादव, डॉ यू पी घंटाल ने भी अपने विचार रखे।
आलोक वर्धन ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि भारतीय राजनीति पर कॉर्पोरेट घरानों का बढ़ता प्रभाव इस आंदोलन के मुख्य मुद्दों में से एक है। काला धन एक ऐसा उपकरण है जिसके द्वारा कॉर्पोरेट घराने भारतीय राजनीति को प्रभावित कर रहें हैं।
‘समाज बचाओ आंदोलन’ के पटना, नालंदा, बेगुसराय, रांची, धनबाद, जामताड़ा, गिरिडीह और कोडरमा के कार्यकर्त्ता इस परिचर्चा में शामिल होने नवादा आये थे।
डॉ संजय कुमार को आंदोलन के नवादा जिले का जिला संयोजक नियुक्त किया गया। सभा में सम्मिलित सभी लोगों ने शपथ लिया कि वे वे राजनीति से काला धन के प्रभाव को दूर करने की पूरी कोशिश करेंगे।
Comments are closed.