अब इस सवाल का जवाब मिल गया है कि सिटी एसपी ज्यादा पावरफुल होता है या एएसपी? इस मामले में पटना के जोनल आईजी ने आदेश जारी कर दिया है.
दैनिक भास्कर के पत्रकार नीतीश कुमार सोनी की रिपोर्ट के अनुसार अनुसंधानके मामले में सिटी एसपी के समान अधिकार एएसपी को मिल गए हैं। पटना जिले में यह विशेष व्यवस्था की गई है। इसके तहत एएसपी (मुख्यालय) राशिद जमां और टाउन एएसपी विवेकानंद को नए अधिकार मिले हैं। दोनों एएसपी भी 10 वर्ष से कम सजा वाले मामलों में रिपोर्ट-2 (फाइनल रिपोर्ट) निकालेंगे।
इस बाबत आईजी कुंदन कृष्णन ने आदेश जारी कर दिया है।
दोनों एएसपी के इलाके बांट दिए गए हैं। इससे पूर्व एसपी ही रिपोर्ट 2 निकालते थे। बदली हुई परिस्थितियों में अब सिटी एसपी के साथ दोनों एएसपी संबंधित मामलों में फाइनल रिपोर्ट निकालेंगे। वैसे हत्या, अपहरण, डकैती के दौरान मर्डर जैसे संगीन मामलों में पहले की तरह सिटी एसपी के स्तर से ही रिपोर्ट 2 निकलेगा। ‘नई व्यवस्था इसी महीने से लागू हो गई है।
यह विवाद काफी दिनों से चलता आ रहा है . दर असल यह फर्क बिहार पुलिस सेवा और भारतीय पुलिस सेवा के अफसरों के बीच की चमक का फर्क मात्र है. बिहार पुलिस मैनुअल, हालांकि इन दो पदों को सामतुल्य पद बताता है. और इसी बुनियाद पर कई बार सिटी एसपी के पद पर बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रोमोटेड एएसपी रैंक के अफसरों को भी सिटी एसपी बनाया जाता है. इस बात के तकनीकी पक्ष को निगरानी विभाग के पदों से समझा जा सकता है. निगरानी विभाग में एएसपी के छह पद आवंटित हैं. इन छह पदों पर पुलिस अदीक्षक रैंक के अफस को भी तैनात किया गया है तो बिहार पुलिस सेवा के प्रोमोटेड एएसपी को भी.
2011 में बिहार सरकार ने अनेक एएसपी को सिटी एसपी के तौर इसी आदार पर तैनात किया था.
ड्रेस कोड का फर्क
जहां तक ड्रेस कोड की बात है तो इन दो पदों का तकनीकी रूप से फर्क यह है कि भारतीय पुलिस सेवा के अफसर आईपीएस लिखते हैं जबकि बिहार पुलिस सेवा के अफसर बीपीएस लिखते हैं. इस मामले में हालांकि बिहार में आईपीएस और बीपीएस में एक स्टार का फर्क अब भी दिखता है. जब कि झारखंड में इस समतुल्य पद पर झारखंड पुलिस सेवा के अफसर भी आईपीएस के बराबर स्टार ही लगाते हैं.
इस मामले में सिटी एसपी सत्यवीर सिंह का कहना है कि दो एएसपी को नए अधिकार मिलने से अनुसंधान के निष्पादन में मदद मिलेगी।
बिहार पुलिस मैनुअल के तहत किसी केस का अनुसंधान तीन स्तरों पर होता है। सबसे पहले थाने के स्तर पर आईओ केस की जांच करता है। फिर सर्किल इंस्पेक्टर या एसडीपीओ सुपरविजन रिपोर्ट देते हैं। इसके बाद एसपी फाइनल रिपोर्ट देते हैं।
पटना में सिटी एसपी के तीन पद हैं। सिटी एसपी (सेंट्रल), सिटी एसपी (ईस्ट) और सिटी एसपी (वेस्ट)। फिलहाल सिर्फ एक सिटी एसपी सत्यवीर सिंह की पोस्टिंग है। एेसे में अनुसंधान के मामलों में तीनों सिटी एसपी के केसों का दबाव सिर्फ एक पर ही रहता था।