मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सरकारी बंगला यानी सात सर्कुलर रोड अब ‘नीतीश निवास’ हो गया है। सीएम अब इस बंगले को नहीं छोड़ेंगे। वे एक अण्णे मार्ग में नहीं जाएंगे। हालांकि एक अण्णे मार्ग का मुख्यमंत्री आवास का दर्जा बना रहेगा। उसकी सुरक्षा और सौंदर्यीकरण की व्यवस्था यथावत बनी रहेगी।
वीरेंद्र यादव
भवन निर्माण विभाग ने सात नंबर के सौंदर्यीकरण और कायाकल्प के लिए एक करोड़ तीन लाख रुपये के प्राक्कलन को तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर दी है। सरकारी भाषा में कायाकल्प के लिए ‘परिवर्तन व परिवर्धन’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। नये निर्माण के लिए नक्शा भी तैयार कर लिया गया है। योजना को कार्यरूप देने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
सीएम नीतीश कुमार को सात नंबर बंगला पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से आवंटित किया गया है। इनके नाम आवंटित होने के बाद से सात नंबर की किस्मत चमकी और उसके कायाकल्प का सिलसिला अभी थमा नहीं है। सात नंबर के मूल भवन के सौंदर्यीकरण के साथ एक नया भवन कार्यालय के रूप में बनाया गया। उधर कैम्प कार्यालय के लिए सात नंबर का विस्तार किया गया। इसी नये हिस्से में सीएम का निजी सचिवालय चलता है। सात नंबर और विस्तारित हिस्से का गेट भी लगभग एक समान है। किसी गेट पर नेमप्लेट नहीं लगा हुआ है। पूरे हिस्से की सुरक्षा व्यवस्था एक समान है। कायाकल्प के नये प्रोजेक्ट के बाद ‘नीतीश निवास’ का कौन सा स्वरूप सामने आता है। अभी इंतजार करना होगा।