सीएम नीतीश कुमार के शराबबंदी के ऐलान से राजस्व विभाग के हाथ-पांव फूल रहे हैं. विभाग को चिंता है कि 4 हजार करोड़ रुपये की भरपाई कैसे होगी.
नौकरशाही न्यूज
राजस्व विभाग की परेशानी यह है कि शराबबंदी के कारण राजस्व के रूप में चार हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना होगा. ऐसे में विभाग सरकार को सुझा दे सकता है कि शराबबंदी को स्टेप बाई स्टेप लागू किया जाये.
अगर सरकार राजस्व विभाग के फार्मुले को मानती है तो ऐसे में सबसे से पहले देसी शराब को बैन किया जा सकता है. राजस्व विभाग के सूत्रों ने नौकरशाही डॉट इन को बताया है कि स्टेप बाई स्टेप शराबबंदी लागू करना राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए हितकर होगा.
हालांकि मद्यनिषेध विभाग के मंत्री जलील मस्तान इस बात पर अडिग हैं कि वह पूर्ण शराबबंदी लागू करके रहेंगे. उनका तर्क है कि सरकार कोई बनिया व्यापारी नहीं जो घाटे नुकसान का ख्याल करे.
हालांकि राज्सव विभाग के आला अधिकारी इस पर अभी खुल कर कुछ भी कहने के मूड में नहीं है. एक अधिकारी ने नौकरशाही डॉट इन से बताया है कि सरकार को यह सुझाव दिया जा सकता है कि शराबबंदी एक झटके में लागू करना राज्य की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका देने के समान होगा.
गौरतलब है कि सीएम नीतीश कुमार ने एक अप्रैल से पूर्ण शराबबंदी करने की घोषणा करते हुए कहा था कि इस संबंध में नयी नीति बनाई जायेगी.