गया के डॉक्टर पंकज अपहरण कांड का एक दिन पहले ही पर्दाफाश करके दैनिक भास्कर ने बिहार के दीगर अखबारों को जोरदार झटका दे दिया. आखिर अखबार कैसी पहुंचा तह तक?
नौकरशाही डेस्क
भास्कर की इस एक्सक्लुसिव खबर का अन्य अखबारों पर इतना गहरा झटका लगा कि तमाम अखबारों की एडिटोरियल मीटिंग में इस पर चर्चा हुई और अपने-अपने अखबारों के पिट जाने पर अफसोस जताया गया. दूसरी तरफ भास्कर के पाठकों में इस खबर की जोरदार चर्चा रही. लेकिन शाम होते होते खलबली तो तब मच गयी जब प्रदेश के डीजीपी पीके ठाकुर ने प्रेस कांफ्रेंस करके भास्कर की रिपोर्टि के अनुरू घोषणा की कि डॉक्टर पंकज अपहरण कांड में सरगना अजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है.
इस खबर के टीवी चैनलों पर फ्लैश होते ही शाम को एक बार फिर भास्कर की खबर चर्चे में आ गयी और कई नौकरशाह उस अखबार के पन्न पलटने लगे.
गौरतलब है कि भास्कर ने 6 मई को ही यह पेज एक के टॉपर पर 7 कॉलम में खबर लगाते हुए शीर्षक दिया था ‘पूर्व एएसपी के बेटे ने उठाया डॉक्टर और पत्नी को!’. मालूम रहे कि अपहरण गिरोह का सरगना अजय सिंह पूर्व एएसपी का बेटा है.
दैनिक भास्कर की इस एक्सक्लुसिव रिपोर्टिंग की बारीकियों की छानबीन से नौकरशाही डॉट इन को एक दिलचस्प जानकारी मिली. अखबार को चूंकि इस अपहरणकांड का सुराग पहले ही मिल चुका था लेकिन रात की एडिटरियल मीटिंग में तय हुआ कि इस खबर की अंतिम पुष्टि अपहरण की गुत्थी सुलझाने वाले आला पुलिस अफसर से कर लेनी चाहिए.
एडिटोरियल रणनीति के तहत अखबार के एक पत्रकार ने पुलिस अफसर को फोन किया. पुलिस अफसर ने इन पत्रकार को एक ‘अन्य’ अखबार का समझते हुए कहा कि आपके अखबार में ऐसी खबर छापने का साहस है कहां. लेकिन जैसे ही उन पत्रकार ने कहा कि वह अब भास्कर में हैं तो एक झटके में पुलिस अफसर ने अजय सिंह गिरोह के नाम की पुष्टि कर दी. हालांकि इस खबर के पीछ तमाम अखबार के पत्रकार जुटे थे लेकिन अंतिम-अंतिम क्षण तक उन्हें इस बारे में सुराग नहीं लग पाया.
पिछले सवा साल से भास्कर ने पटना एडिशन लॉंच करने के बाद अन्य अखबारों के लिए गंभीर चुनौती खड़ी की है. इसके कारण बिहार की पत्रकारिता में प्रतियोगिता बढ़ी है.इतना ही नहीं भास्कर के बिहार में आने से अखबारों की कीमत और क्वालिटी दोनों का लाभा पाठकों को मिला है.
भास्कर फिलहाल बिहार में सिर्फ पटना से ही प्रकाशित होता है. लेकिन अखबार का मैनेजमेंट नवम्बर के पहले मुजफ्फरपुर और गया में से भी शुरू करने की योजना को अंति रूप देने में लगा है.