अब यह चर्चा जोरों पर है कि नरेंद्र मोदी की जीत में सोशल मीडिया की अहम भूमिका रही. एक संस्था ने इस मिशन के लिए एक लाख सोशल मीडिया कम्पेनर्स को बजाब्ता बहाल किया था.
इस खबर को नौकरशाही डॉट इन ने 21 मार्च 2014 को ब्रेक करते हुए बताया था कि इन एक लाख प्रोफेशनलों की नियुक्ति के लिए भाजपा को सिटिजेन फॉर अकाउंटेबुल गर्वनेंस ( सीएजी) की सेवा प्राप्त थी. सीएजी एक अलाभकारी संस्था है जो कम्पनीज ऐक्ट के सेक्शन 25 के तहत रजिस्टर्ड है.
सीएजी ने एक लाख सोशल मीडिया प्रोफेशनल्स की नियुक्ति के लिए बाजाब्ता ऑनलाइन विज्ञाप जारी किया था. ये नियुक्तियां मार्च से मई यानी तीन महीने के लिए की गयी थीं. इस विज्ञापन में कहा गया था कि उसे एक लाख हाईली मोटिवेटेड प्रोफेशनल्स की जरूरत है जो भारतीय जनता पार्टी, खासकर नरेंद्र मोदी के पक्ष में सोशल मीडिया कम्पेन टीम के लिए काम कर सकें. इन प्रोफेशनल्स ने तीन महीने तक इस काम के लिए फुल टाइम समय दिया और बदले में उन्हें मानदेय भी देने की घोषणा की गयी थी.
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इन लाख युवा प्रोफेशनल्स ने सोशल मीडिया में नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में सामग्री अपलोड की. उन्होंने सीएजी टीम द्वारा तैयार विश्लेषणात्मक और शोधपरक सूचनाओं को जन जन तक पहुंचाया और सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया के माध्यम से, उन जानकारियों को मतदाताओं तक पहुंचाते रहे जिन्हें उन्हें सीएजी टीम ने मुहैया कराया था.
इन एक लाख प्रोफेशनल्स के अलावा देश भर में भाजपा के लाखों समर्थकों ने भी इस कम्पेन में अपनी भूमिका निभाई जिसका परिणाम भाजपा की जीत के रूप में सामने आया. ध्यान रहे कि एनडीए ने 331 सीटें जीतीं जिसमें अकेल भाजपा को 282 सीटें आयीं जो अपने बूते सरकार बनाने के लिए काफी थी.
ध्यान रहे कि ट्विटर पर नरेंद्र मोदी के फॉलोअर्स की संख्या 40 लाख के करीब है जबकि फेसबुक पर लगभग 1.5 करोड़ फैंस हैं.
सीएजी यानी सिटिजेन फॉर अकाउंटेबुल गवर्नेंस आदित्य चलसानी, आदित्य कपूर और आकांक्षा मेहता समेत एक सौ प्रोफेशनल की टीम पर आधारित है. आदित्य चलसानी कैलिफोर्निया से पढ़े प्रोफेशनल हैं जबकि अदित्य कपूर आईआईटी के इंजीनियर हैं. बीजेपी ने इस टीम और इस संस्था की सेवा लेने में कितने खर्च किये हैं इसकी जानकारी सामने नहीं आयी है.