राजधानी पटना स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने बोधगया के महाबोधि मंदिर परिसर में हुये सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में हैदर अली समेत पांच लोगों को दोषी करार दिया।
एनआईए के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार सिन्हा ने मामले में सुनवाई के बाद आरोपित झारखंड के रांची निवासी हैदर अली, इम्तियाज अंसारी, मुजिबुल्लाह तथा छत्तीसगढ़ के रायगढ़ निवासी उमर सिद्दीकी एवं अजहरुद्दीन कुरैशी को भारतीय दंड विधान, विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम एवं विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं में षड्यंत्र करने, आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त रहने तथा आतंकवादी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए धन की व्यवस्था करने का दोषी करार दिया है। अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 31 मई, 2018 की तिथि निश्चित की है।
आरोप के अनुसार, 07 जुलाई 2013 को बिहार के गया जिला स्थित बौद्ध धर्मावलंबियों के पवित्र तीर्थस्थल बोधगया के महाबोधि मंदिर परिसर में सिलसिलेवार बम विस्फोट हुये थे। इन बम धमाकों में कई लोग घायल हुये थे। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुये मंदिर परिसर में रखे गये कई बमों को भी निष्क्रिय किया था। बाद में मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई थी। एनआईए ने जांच के बाद छह लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था, जिनमें से एक आरोपी नाबालिग था जिसकी सुनवाई जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) ने करते हुये कुछ दिन पूर्व ही उसे दोषी करार दिया था। शेष अन्य पांच आरापियों की सुनवाई पटना सिविल कोर्ट स्थित विशेष अदालत में हो रही थी, जिन्हें आज दोषी करार दिया गया है।