रालोसपा सांसद के अमर्यादित एवं असभ्य बोल न सिर्फ एनडीए की हताश मानसिकता का परिचायक है, बल्कि भाजपा द्वारा बौखलाहट में फैलाए जा रहे राजनीतिक अपसंस्कृति का भी द्योतक है।
ऐसे बयानों के माध्यम से राजनीतिक विद्वेष एवं सामाजिक नफरत फैलाने की साजिश होती है। भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या इसी तरह की भाषा एवं बयान की संस्कृति को बढ़ाना चाहती है। रालोसपा के सांसद द्वारा दिये गये अमर्यादित बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यकत करते हुए जदयू के वरिष्ठ नेता एवं बिहार के जलसंसाधन, कृषि, सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के मंत्री श्री बिजय कुमार चैधरी ने उक्त बातें कहीं।
दर असल रालोसपा के सांसद और प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार ने अनंत सिंह की गिरफ्तारी के मुद्दे पर सीएम नीतीश कुमार पर प्रहार करते हुए कहा था कि उन्होंने एक खास समाज के लोगों का इस्तेमाल किया और फेक दिया. इसलिए उस समाज के लोग उनकी छाती तोड़ने में पीछ नहीं रहेंगे.
अरुण कुमार के इस बयान की आलोचना बड़े पैमाने पर हुई है.
नीतीश की मजबूत छाती
इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए विजय चौधरी ने कहा कि बिहार की जनता ने नीतीश कुमार की छाती की मजबूती को पिछले दस वर्षों में देखा है एवं महसूस किया है। अपने मजबूत इरादे एवं संकल्प के बल पर ही बिहार में सुशासन कायम किया है। उन्होंने कहा कि आज एक फिर से आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लोगों के रूझान ने एनडीए नेताओं के होश उड़ा दिए हैं। अकबकाहट में वे बिहार को फिर से जातीय एवं सांप्रदायिक उन्माद में झोंकना चाहते हैं। अगर नहीं तो इस तरह से संकीर्ण जातीय भावनाओं को भड़काने वाले वक्तव्यों का औचित्य क्या है? इतिहास साक्षी रहा है कि ऐसे बयानों से सर्वदा समाज विशेष के साथ-साथ संपूर्ण समाज का अहित ही हुआ है।
श्री चैधरी ने कहा कि बिहार की जनता ऐसे उन्मादी एवं अराजकतावादी बयानों का अर्थ समझती है एवं प्रदेश को राजनीतिक लाभ के लिए फिर से जातीय एवं सांप्रदायिक उम्माद फैलाने वालो की साजिशों के प्रति सतर्क है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में स्थापित शांति एवं अमन-चैन का स्वाद समाज के सभी वर्गों को भाया है एवं विकास का फायदा समाज के प्रत्येक वर्ग को मिला है।