दूध – खीर की राजनीति का पटाक्षेप आज हो गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने मोदी सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। कहा जा रहा है कि वे अब से कुछ देर बाद यानी दोपहर 2 बजे इस्तीफे का ऐलान औपचारिक रूप से करेंगे।
नौकरशाही डेस्क
उनके इस फैसले से बिहार में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी प्रमुख पिछले कुछ सप्ताहों से भाजपा और उसके अहम सहयोगी दल के नेता, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे थे। रालोसपा को 2019 के लोकसभा चुनाव में दो से ज्यादा सीटें नहीं मिलने के भाजपा के संकेतों के बाद से कुशवाहा नाराज चल रहे थे। हाल ही में रालोसपा कोर कमेटी की बैठक में पार्टी की राज्य कार्यकारिणी ने एनडीए का साथ छोड़ने के मामले में फैसले लेने के लिए उन्हें अधिकृत किया था। जिसके बाद अब खबर आ रही है कि कुशवाहा ने एनडीए के साथ छोड़ दिया है।
बीते दिनों मोतिहारी में उन्होंने कहा था कि लोग हमारे भविष्य की रणनीति को लेकर आस लगाए बैठे हैं। उनको मैं साफ़ करना चाहता हूं कि सुलह-समझौता करने के उनके सभी प्रयासों को अब तक सफलता नहीं मिली है। इसलिए आने वाले दिनों में उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता की पंक्तियां बोली कि ‘अब याचना नहीं रण होगा संघर्ष बड़ा भीषण होगा।’