केंद्र सरकार ने दावा किया है कि देश की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति विश्व की उदार नीतियों में एक है और जल्दी ही इसके सकारात्मक परिणाम भारतीय अर्थव्यवस्था पर दिखाई देने लगेंगे।
सरकार की एफडीआई नीति से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वैश्विक स्तर पर मंदी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी रफ्तार बनाए रखने में कामयाब रही है, क्योंकि सरकार निवेश के संबंध में अपेक्षाकृत लचीली नीति अपना रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था में मांग बनी हुई है और कच्चे तेल की गिरती कीमतों से इसमें तेजी आने की संभावना है। विभिन्न क्षेत्रों में एफडीआई के प्रावधानों में हाल में ढील दिए जाने के प्रभाव के बारे में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि वैश्विक निवेशक नई नीति को समझने और उसका मूल्यांकन करने में सामान्य तौर पर समय लेते हैं तथा निवेश करने से पहले बाजार विशेष के संबंध में जटिलताओं का अध्ययन करते हैं।
सरकार ने एफडीआई नीति निवेशकों अनुरूप बनाई है, जिसके अंतर्गत ऑटोमेटिक मार्ग से अधिकतर क्षेत्रों और गतिविधियों में शत-प्रतिशत निवेश की अनुमति है। एफडीआई नीति में समय-समय पर परिवर्तन किए गए हैं ताकि देश को आकर्षक निवेश स्थल और निवेशकों के अनुरूप बनाया जा सके। आर्थिक वृद्धि और विकास के लिए एफडीआई के महत्व को देखते हुए सरकार ने रक्षा तथा रेलवे क्षेत्र में निवेश सुधारों की घोषणा की है। रेल क्षेत्र में ऑटोमेटिक मार्ग से रेल अवसंरचनाओं के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को सौ प्रतिशत किया गया है और रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाकर 49 प्रतिशत की गई है।