आज पूरा दिन जब सरकार बचाने, गिराने का आखिरी दिन है, जद यू एक तरफ आक्रमक रहा तो दूसरी तरफ उसने एमएलए के रिश्वत दे कर वफादारी बदलने के आरोपों का आडियो जारी कर कोहराम मचाने की कोशिश की.
जद यू के प्रदेश प्रेसिडिंट वशिष्ट नारायण सिंह ने बाजाब्तदा प्रेस कांफ्रैंस कर बताया कि उनके एमएलए शर्फुद्दीन को करोड़ों रुपये का लालच देने के लिए कथित तौर पर पप्पू यादव ने फोन किया. वशिष्ट नारायण ने प्रेसकांफ्रेंस में शर्फुद्दीन को भी पेश किया. शर्फुद्दीन ने कहा कि पहली बार जब फोन आया तो उन्होंने इसे इग्नोर कर दिया लेकिन जब बार बार लालच दिया गया तो उन्होंने फोन टेप कर लिया. उन्होंने कहा कि वह फोन पप्पू यादव ने किया.
जब यह बात पटना के सियासी हलके में गर्दिश होने लगी तो तुरत पप्पू यादव सामने आये और उन्होंने बड़े आत्मविश्वास से अपनी बात रखते हुए कहा कि मैं तो शर्फुद्दीन को जनता भी नहीं हूं. लेकिन उन्होंने अगर आरोप लगाया है तो इस मामले की जांच होनी चाहिए. पप्पू ने कहा कि वह जांच में सहयोग करेंगे.
गौरतलब है कि मांझी सरकार को 20 फरवरी को अपना बहुमत साबित करना है. इसके लिए उनके पास हिमायत करने वालों एमएलए के रूप में कम से कम 117 लोगों की जरूरत है. उनके पास, बताया जाता है कि 12 एमएल हैं. जबकि उन्हें अभी भी कमसे कम 105 एमएलए चाहिए. दूसरी तरफ मांझी को जिस पार्टी से सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं वह भाजपा है. भाजपा के पास 87 एमएलए है लेकिन उसने अभी तक मांझी को हिमायत करने का आखिरी फैसला नहीं लिया है. अगर मांझी को उसकी हिमायत मिल भी जाती है तो मांझी को और कमसे कम 18 एमएलए की जरूत पड़ेगी.
इसी बीच जद यू का यह आरोप सामने आया है कि आरजेड़ी के एमपी पप्पू यादव एमएलए को करोड़ो रुपये रिश्वत देकर मांझी के पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं.
गौर तलब है कि पप्पू यादव अपने दल राजद की लाइन से अलग लाइन लेकर मांझी की हिमायत में खड़े हो गये हैं.
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