पूर्व रेलमंत्री ललित नारायण मिश्रा हत्याकांड मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने गुरुवार को चारों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। जिला जज विनोद गोयल ने करीब चालीस साल से चल रहे मुकदमे में दोषी करार दिए गए! एडवोकेट रंजन द्विवेदी(66), संतोषानंद अवधूत (75), सुदेवानंद अवधूत(79) और गोपाल जी (73) को उम्रकैद की सजा सुनाई। बीते 8 दिसंबर को ही अदालत ने चारों को मर्डर, आपराधिक साजिश रचने समेत आईपीसी की कई धाराओं के तहत दोषी करार दिया था। चारों दोषी आनंद मार्ग संगठन के सदस्य बताए जाते हैं।
जिला जज ने सजा सुनाते हुए कहा कि सबूतों और परिस्थितियों के आधार पर अदालत एलएन मिश्रा हत्या मामले में चारों दोषियों को उम्रकैद की सजा देती है। अभियोजन पक्ष की ओर से दी गई दलीलें साक्ष्यों और स्थितियों को स्पष्ट करती हैं कि चारों दोषियों ने मिलकर हत्या की साजिश रची गई थी। अदालत ने 15 दिसम्बर को सुनवाई में दोषियों की सजा की अवधि पर दोनों पक्षों की राय सुनने के बाद सजा सुनाने के लिए आज की तारीख मुर्करर की थी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दोषियों को फांसी की सजा दी जाये या नहीं, इसका निर्णय अदालत पर छोड़ दिया था। बचाव पक्ष के वकीलों ने दोषियों की अधिक उम्र को देखते हुये नरमी बरतने की अपील की है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा बिहार के समस्तीपुर जिले में 2 जनवरी 1975 को समस्तीपुर-मुजफफरपुर ब्राडगेज रेलवे लाइन का उद्घाटन करने गए थे, जहां वह एक बम विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें दानापुर के रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां अगले दिन उनकी मृत्यु हो गयी थी। इस घटना में दो और व्यक्ति मारे गए थे जबकि सात घायल हुए थे। इस मामले में 200 लोगों की गवाही हुई। इसमें 161 अभियोजन पक्ष और 40 बचाव पक्ष की तरफ से पेश किए गए। बताया जाता है कि अभियुक्त उच्च अदालत में जाएंगे।