बहुचर्चित ललित नारायण मिश्रा हत्याकांड मामले में चारों दोषियों को दिल्ली की एक अदालत 18 दिसंबर को सजा सुनायेगी। कड़कड़डूमा स्थित अदालत के जिला जज विनोद गोयल ने आठ दिसंबर को इस मामाले में चारों आरोपियों आनंदमार्ग अनुयायी गोपाल जी, रंजन दि्ववेदी, संतोषानंद अवधूत और सुदेवानंद अवधूत को 302 हत्या और 120 बी आपराधिक षडयंत्र तथा 326 और 326 के तहत दोषी करार दिया। अदालत ने उन्हें विस्फोटक कानून के तहत भी दोषी ठहराया। इस मामले के एक अन्य आरोपी की मृत्यु हो चुकी है ।
अदालत ने दोषियों को क्या सजा दी जाये, इस पर दोनों पक्षों की राय सुनने के बाद सजा सुनाने की तिथि 18 दिसंबर तय की है। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने दोषियों को फांसी की सजा दी जाये या नहीं, इसका निर्णय अदालत पर छोड़ दिया। बचाव पक्ष के वकीलों ने दोषियों की अधिक उम्र को देखते हुये नरमी बरतने की अपील की।
पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा समस्तीपुर में 2 जनवरी, 1975 को समस्तीपुर-मुजफफरपुर ब्राडगेज रेलवे लाइन का उद्घाटन करने गए थे, जहां वह एक बम विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें दानापुर के रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां अगले दिन उनकी मृत्यु हो गयी थी। इस घटना में दो और व्यक्ति मारे गए थे, जबकि सात घायल हुए थे। इस मामले में 200 लोगों की गवाही हुई। इसमें 161 अभियोजन पक्ष के और 40 बचाव पक्ष की तरफ से पेश किए गए।