आम तौर पर देखा जाता है कि बहुत सारे छात्र पढ़ाई के दौरान क्लास में अच्छा पॉरफॉर्मेंस करते हैं परंतु परीक्षा के दौरान वह अपनी ही अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाते. ऐसे हालात कई बार मेधावी छात्रों की भी होती है. परीक्षा में अच्छा पॉरफॉर्मेंस नहीं कर पाने के अनेक कारण हैं. amar2

समय प्रबंधन की कमी- प्रश्नों को समझना एक बात है लेकिन प्रश्नों के उत्तर आवंटित समय में सटीक रूप से देना दूसरी बात है. लेकिन कई छात्र प्रश्न का उत्तर जानते हुए भी समय प्रबंधन की कमी के कारण सभी प्रश्नों का उत्तर नहीं दे पाते.

परीक्षा का भय- कई छात्रों की याददाश्त अच्छी होने के बावजूद वह परीक्षा में अच्छा इसलिए नहीं करते क्योंकि वह अनावश्यक भय के शिकार होते हैं. एलिट इंस्टिच्यूट के विशेषज्ञों की टीम छात्रों के आत्मविश्वास और उनकी याददाश्त का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण करके उनकी योग्यता का अधिकतम उपयोग करने का सामर्थ्य विकसित करती है. परीक्षा कक्ष में हड़बड़ाहट- बहुत सारे छात्र परीक्षा कक्ष में हड़बड़ा जाते हैं जिससे वह जानते हुए भी प्रश्न का सही उत्तर नहीं दे पाते जिस कारण उनका परीक्षा फल प्रभावित हो जाता है.

तीन चरण

एलिट इंस्टिच्यूट के संस्थापक-निदेशक अमरदीप झा गौतम, अपने 14 वर्षों के पठन-पाठन और छात्रों के मनोविज्ञान के अध्ययन के आधार पर स्पष्ट रूप से मानते हैं कि हरेक छात्र में अपनी विशिष्ट योग्यता होती है. इसलिए एक बेहतरीन शिक्षक का यह गुण है कि वह छात्रों के इसी विशिष्ट गुण को जागृत करे और उसे निखारे. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए एलिट इंस्टिच्यूट 2 नवम्बर 2015 से विभिन्न स्कूलों और शैक्षिणिक संस्थानों के छात्र-छात्राओं के लिए ‘मेधा प्रोत्साहन योजना’ शुरू कर रहा है. इस योजना का लाभ 10वीं से लेकर 12वीं कक्षा के छात्र सकते हैं.

जांच परीक्षा

इसके लिए छात्रों को तीन चरणों की जांच से गुजरना होगा. इनमें सबसे पहले छात्रों की जांच परीक्षा होगी. जांच परीक्षा के रिजल्ट से पहले संबंधित छात्र के क्लास टीचर से विचार विमर्श किया जायेगा और यह सुनिश्चित किया जायेगा कि छात्र का संबंधित स्कूल में कैसा प्रदर्शन रहा है ताकि यह जाना जा सके कि छात्र में किस तरह की और कैसी कमी रही है और उसे कैसे दूर किया जा सकता है.

योजना की घोषणा करते अमरदीप झा गौतम
योजना की घोषणा करते अमरदीप झा गौतम

शिक्षक से बातचीत

जांच परीक्षा के रिजल्ट के बाद छात्र को आजादी होगी कि वह अपनी तमाम समस्याओं पर शिक्षक से खुल कर बातचीत करें. यह पूरी तरह से मैत्रीपूर्ण-माहौल में होगा ताकि छात्र के आत्मविश्वास पर किसी भी तरह का नाकारात्मक प्रभाव न पड़े.

काउंसिलिंग

इसके बाद उस छात्र की कौंसिलिंग की जायेगी और उसकी संभावनाओं का पता लगाया जायेगा और इस पर आधारित एक सेमिनार आयोजित किया जायेगा. एलिट इंस्टिच्यूट ने गत वर्ष भी 250 छात्रों का चयन नियमित कोचिंग कक्षा के लिए चयन किया था.

इस वर्ष से 300 छात्रों का चयन

एलिट इंस्टिच्यूट की मेधा प्रोत्साहन योजना की लगातार बढ़ती लोकप्रियता के कारण इस वर्ष से 300 छात्रों का चयन किया जायेगा. एलिट इंस्टिच्यूट के निदेशक एक सफल शिक्षक के अलावा काउंसिलिंग विशेषज्ञ भी हैं जो नियमित रूप से चयनित छात्रों की काउंसिलिंग भी करते हैं ताकि कोचिंग के दौरान छात्रों की योग्यता को निखारा जा सके.

एलिट की इस इनोवोटिव ठोस प्रयास का ही नतीजा है कि विगत चौदह वर्षों से संस्थान के छात्र इंजीनियरिंग और मेडिकल की परीक्षा में बड़ी संख्या में सफल होते रहे हैं. इसके छात्र आईआईटी के साथ साथ देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कालेजों और एम्स के अलावा अन्य विख्यात मेडिकल कालेजों में नामांकन के योग्य बन पा रहे हैं. एलिट इंस्टिच्यूट विगत 14 वर्षों से ज्ञानोदय योजना के तहत स्कालरिशप भी प्रदान करता है जिसके अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी छात्रों को लाभ पहुंचाया जाता रहा है.

(आप सभी सुधी पाठकों से आग्रह है कि इस संदेश को प्रत्येक सम्भावित छात्र-छात्राओं तक पहुचायें, जिससे इसका अधिकाधिक लाभ छात्र उठा पायें).

आभार: एलिट इन्स्टिचुट, पटना. 09835441003/ 09939665084/ 0612-3054153

By Editor


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