पूर्व उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक कांड की निष्पक्ष जांच करने में एसआईटी की सक्षमता पर सवाल उठाते हुये आज कहा कि क्या टीम का नेतृत्व कर रहे पुलिस अधीक्षक रैंक का अधिकारी इस मामले में मंत्रियों, विधायकों और सचिव स्तर के अधिकारियों से पूछताछ कर पाएंगे।
श्री मोदी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रश्नपत्र लीक मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) की पूछताछ के दौरान आयोग के गिरफ्तार एवं निलंबित सचिव परमेश्वर राम ने राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन सरकार के दो मंत्रियों का नाम लिया है, जो एसएमएस के जरिये अवैध नियुक्ति करने के लिए उन पर दबाव बना रहे थे। सत्ताधारी दल के 12 से अधिक विधायकों पर भी दबाव बनाने का आरोप है। लेकिन, आज तक एसआईटी उन मंत्रियों और विधायकों का नाम उजागर नहीं कर सका तो सवाल उठता है कि क्या एसआईटी की अगुवाई कर रहे पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (मनु महाराज) रैंक के अधिकारी सत्ता पर काबिज मंत्रियों और विधायकों से पूछताछ कर पाएंगे। क्या उनके पास यह अधिकार है।
पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 29 जनवरी को बीएसएससी के पहले चरण की परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक होने की अफवाह फैलने पर आयोग के अध्यक्ष सुधीर कुमार ने गृह सचिव आमिर सुबहानी और मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह को पत्र लिखकर 05 फरवरी को होने वाले दूसरे चरण की परीक्षा के दौरान इंटरनेट सेवा स्थगित करने का सुझाव दिया था। क्या एसआईटी इन सुझावों पर उठाये गये कदम के बारे में गृह सचिव और मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी से पूछताछ करने में सक्षम है। क्या पुलिस अधीक्षक स्तर का अधिकारी अपने से वरिष्ठ अधिकारियों और नेताओं से पूछताछ करने की हिम्मत करेगी।