मुजफ्फरपुर के एसएसपी रंजीत मिश्रा ने एक ऐसे पत्रकार को सलाखों के पीछ डाल दिया है जिनका कुसूर सिर्फ इतना है कि वह एक आरोपी के हमनाम हैं.

Ranjeet Mishra
Ranjeet Mishra

नौकरशाही ब्यूरो

लेकिन हैरत की बात तो  यह है कि जब शपथ पत्र दायर कर शिकायतकर्ता ने साफ कहा कि वह पत्रकार निर्दोष हैं तो भी एसएसपी पर कोई फर्क नहीं पड़ा.

पत्रकार को महज नाम की समानता के अधार पर गिरफ्तार कर लेने पर मुजफ्फरपुर के एसएसपी रंजीत कुमार मिश्रा की काफी फजीहत हो रही है. पत्रकार समुदाय रंजीत मिश्रा की इस कार्रवाई के खिलाफ एकजुट हो कर आंदोल पर उतर आया है.

क्या है मामला

मामला एक दलित लड़की से जुड़ा है. पीड़ित लड़की ने पुलिस में शिकायत की थी उसे प्रभाकर  नामक एक युवा ने शादी का झांसा देकर उसका शारीरिक शोषण किया. जब उसने युवा पर शादी का दबाव बनाया तो उसने धमकाया और उसका गर्भपात करवा दिया. पीड़िता ने अपने 164 के बयान में कहा है कि गर्भपात करवाने के दौरान रंजन नामक एक युवा भी वहां मौजूद था. इस बयान के बाद पुलिस ने रंजन कुमार यादव को गिरफ्तार लिया.

रंजन कुमार यादव दैनिक हिंदुस्तान से जुड़े पत्रकार हैं. जब इस बात की जानकारी पीड़िता को हुई तो उसने पत्रकार रंजन कुमार यादव की गिरफ्तारी का विरोध किया. उसने अदालत में एक शपथ पत्र देकर कहा कि पुलिस ने जिस रंजन नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है वह तो एक पत्रकार हैं और उन्होंने उसके मामले में खबरें लिख कर उसकी मदद की है. लड़की ने कहा कि पत्रकार रंजन को इस मामले में पुलिस ने बेबुनियाद फंसा दिया है.

दलित उत्पीड़न

रंजन कुमार की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही मुजफ्फरपुर के पत्रकारों ने धरना दिया. डीएम आवास को घरे लिया. इतना ही नहीं मजुफ्फरपुर के तमाम व्यावसायिक संगठनों ने इस गिरफ्तारी और पुलिसिया जुल्म के खिलाफ मुजफ्फरपुर बंद का आह्वान भी किया.

उधर पत्रकारों ने जब एसएसपी रंजीत मिश्रा से पूछा कि पीड़ित लड़की जब शपथ पत्र के आधार पर कह रही है कि पत्रकार रंजन कुमार वह आरोपी व्यक्ति नहीं हैं, इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें क्यों गिरफ्तार कर लिया. इसके जवाब में रंजीत मिश्रा ने कहा कि अनुसूचित जाति आयोग का निर्देश है कि रंजन को गिरफ्तार किया जाये. पुलिस ने उनके निर्देश का पालन किया है. हालांकि इस मामले में जब पत्रकारों ने अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विद्यानंद विकल से सम्पर्क कर पूछा तो विकल ने स्पष्ट कहा कि मुजफ्फरपुर एसएसपी को इस तरह का कोई निर्देश नहीं दिया गाया है कि वह पत्रकार रंजन कुमार यादव को गिरफ्तार करे. हो सकता है कि वह अपने पर्सनल इट्रेस्ट के तहत उन्हें गिरफ्तार किये हों.

रंजन को पुलिस ने 25 जून को गिरफ्तार कर लिया. वह पिछले छह दिनों से जेल में हैं. इधर मुजफ्फरपुर के बौधिक और व्यावसायिक जगत में एसएसपी रंजीत मिश्रा के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है.

By Editor


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