उच्चतम न्यायालय ने कर्मचारी चयन आयोग पेपर लीक मामले की अदालत की निगरानी में जांच कराये जाने संबंधी याचिका आज खारिज कर दी। वकील मनोहर लाल शर्मा की इस याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने न्यायालय को अवगत कराया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इस मामले की जांच पहले ही शुरू कर दी है। इसलिए इस वक्त कोई दिशानिर्देश जारी करने का कोई औचित्य नहीं होगा।
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने भी पीठ को अवगत कराया कि वह इस मामले में कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारियों और एसएससी के कुछ कर्मचारियों के खिलाफ प्रारंभिक जांच कर रही है। इसके बाद न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल और न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे की पीठ ने कहा कि जब सीबीआई ने शुरू कर ही दी है तो इस याचिका की सुनवाई का कोई अर्थ नहीं रह जाता।
इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि सीबीआई द्वारा स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती। इस दलील से नाराज न्यायालय ने कहा, “यदि सीबीआई में आपको भरोसा नहीं है तो हम कुछ नहीं कर सकते। न्यायमूर्ति अग्रवाल ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि अभी किसी आदेश की जरूरत नहीं है। याचिकाकर्ता यदि जांच से संतुष्ट नहीं होते हैं वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र हैं।