मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उतराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने वहां दल- बदल कानून और संविधान की धज्जियां उड़ा दी है। श्री कुमार ने पटना में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस देश के कई राज्यों में अनेकों बार राष्ट्रपति शासन लगे होंगे, लेकिन जैसा उतराखंड में हुआ वैसा पहले कभी नहीं हुआ ।
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस संबंध में बहुत स्पष्ट फैसला सुनाया है कि बहुमत का फैसला सदन के अंदर होना चाहिए । ऐसी स्थिति में जब विधानसभा की बैठक बुलायी गयी थी और 28 मार्च को बहुमत पर फैसला होना था , उससे पहले ही विधानसभा को निलंबित कर राष्ट्रपति शासन लगाये जाने का कोई औचित्य नही था । सरकार को सदन के फैसले से पहले राष्ट्रपति शासन लगाने से परहेज करना चाहिए था । मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार का यह फैसला अलोकतांत्रिक है । उन्होंने कहा कि उतराखंड विधानसभा में यदि कोई अलग परिस्थिति पैदा हुयी होती तो उस समय कोई फैसला होना चाहिए था । इससे पहले सरकार को सदन के अंदर बहुमत साबित करने का मौका मिलना ही चाहिए था ।