बुधवार को लगातार चौथे दिन राजधानी पटना के लोग सड़कों पर वाहनों के इंतजार में खड़े नजर आए। नगर सेवा के एकाध बस नजर आ गयी तो लोग चढ़ने को बेताब हो जा रहे हैं। वजह है ऑटो रिक्शा चालकों की चार दिनों से चली आ रही हड़ताल। थम ही गयी है राजधानी। कुछेक ऑटो चल भी रहे हैं तो मनमाना किराया वसूल रहे हैं। रिक्शा चालक भी मौके का लाभ उठा रहे हैं और मनचाहा किराया वसूल रहे हैं। इस परेशानी में दो पहिया वाहनों पर लिफ्ट का चलन बढ़ रहा है।
ट्रेनों व बस से राजधानी पटना में बाहर से आ रहे लोगों को स्टेशन व बस स्टैंड के बाहर भारी फजीहत झेलनी पड़ रही है। एक तो ऑटो रिक्शा नहीं मिलती है, उधर रिक्शा वालों की मनमानी अलग परेशानी खड़ी कर रही है। उल्लेखनीय है कि स्टैंड किराया नहीं देने को लेकर अड़े राजधानी के ऑटो चालकों की हड़ताल आज भी अधिकांश रूटों पर जारी है। गर्मी और उमस से परेशान लोग चुपचाप सब कुछ झेलने को मजबूर हैं। पटना के लगभग सभी रूटों पर ऑटो हड़ताल का असर देखा जा रहा है।
पटना जंक्शन पर अनशन कर रहे ऑटो चालक संघ के नेताओं कहना है कि जब तक सरकार पटना जंक्शन स्थित टाटा पार्क की बंदोबस्ती वापस नहीं लेती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। करबिगहिया रेलवे स्टैंड में राजधानी के ऑटो से 10 रुपया, हाजीपुर जाने वाले ऑटो से 20 रुपए किराया वसूलने का प्रावधान है, लेकिन ठेकेदारों के मनमानी के कारण राजधानी के ऑटो से 20 रुपया व हाजीपुर जाने वाले ऑटो से 40 रुपया वसूला जाता है।