नीतीश कुमार को फिर से ‘किंग’ बनाने का दावा करने वाले लालू यादव को अपने ही बेटों के लिए सीट तय करने में परेशानी हो रही है। पूर्व सीएम राबड़ी देवी पहले ही घोषणा कर चुकी हैं कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगी। इस बार उनके दोनों बेटे चुनाव लड़ेंगे। बड़े बेटे तेज प्रताप का महुआ से चुनाव लड़ना लगभग तय हो गया है। हालांकि स्थानीय स्तर पर विरोध भी हुआ था। जबकि छोटे बेटे तेजस्वी की ‘सांस’ अटक गयी है। वह राघोपुर से चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन इस सीट पर अभी जदयू के सतीश कुमार विधायक हैं और उन्होंने सीट छोड़ने से मना कर दिया है। साथ ही जदयू नेतृत्व को बता दिया है कि ज्यादा दबाव डाला गया तो विकल्प खुले हैं।
वीरेंद्र यादव
राजद सूत्रों की मानें तो तेजस्वी ने राघोपुर का समीकरण बिगड़ते देख औरंगाबाद जिले के ओबरा से चुनाव लडना चाहते हैं। इस दिशा में वे काफी सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने फेसबुक पर एक पेज भी बनवा लिया, जिसके माध्यम से ओबरा में प्रोजेक्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। ओबरा चुनने का पुख्ता आधार पर माना जा रहा है। यहां वोटरों की संख्या दो लाख 70 हजार है। इसमें से अकेले यादव वोटरों की संख्या 75 हजार के करीब है। यहां कुशवाहा व भूमिहार वोटरों की सम्मिलित संख्या इतनी नहीं है। यादव का एकतरफा वोट किसी भी यादव उम्मीदवार को जीतवाने के लिए पर्याप्त है।
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यादव के लिए सेफ सीट
ओबरा विधान सभा से अब तक बने 15 विधायक में 10 यादव ही रहे हैं। यही कारण है कि तेजस्वी ने अपने लिए ओबरा सीट चुना है। हालांकि पिछले विधान सभा चुनाव में राजद को मात्र 17 हजार वोट आए थे। जबकि यहां से निर्वाचित निर्दलीय सोमप्रकाश सिंह यादव ने 36816 वोट लेकर जदयू के प्रमोद चंद्रवंशी को 802 वोटों से पराजित किया था। लालू यादव का पूरा प्रयास अपने दोनों बेटों को विधानसभा में भेजने का है। बेटी मीसा भारती को लेकर अभी कुछ तय नहीं है। संभव है मीसा भारती दानापुर से राजद के टिकट पर मैदान में उतरें। लालू परिवार के लिए सेफ सीट की तलाश स्वाभाविक है। लोकसभा चुनाव में सारण से राबड़ी देवी और पाटलिपुत्र से मीसा भारती की पराजय ने लालू यादव के विश्वास को हिला कर रख दिया है। वैसी स्थिति में लोकसभा की पुनरावृत्ति से बचने के लिए लालू यादव भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं।