पिछले 26 जुलाई को मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के इस्‍तीफे और 27 जुलाई को भाजपा के समर्थन से जदयू की सरकार बनने के बाद बिहार का राजनीतिक मुहाबरा बदल गया है। लालू यादव की जगह सुशील मोदी ने जदयू की कुर्सी में कंधा लगा लिया है। यह अलग बात है कि सत्‍ता की कुर्सी पर भाजपा भी सवार है।

वीरेंद्र यादव

 

जदयू के साथ भाजपा की नयी यात्रा का चेहरा और चरित्र सब कुछ बदल गया है। यात्रा का मकसद भी बदल गया है। जदयू-भाजपा की पहली पारी ‘न्‍याय के साथ विकास यात्रा’ की थी, जबकि दूसरी पारी ‘समर्थन के बदले में सत्‍ता में हिस्‍सेदारी’ के साथ शुरु हुई है। दोनों पारियों में बदलाव के कई आयाम हो सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ा बदलाव बिहार भाजपा में हुआ है। इस बदलाव ने नये मुहाबरों को भी जन्‍म दिया है।

जैसे नीतीश का जदयू, लालू का राजद, रामविलास का लोजपा, उपेंद्र का रालोसपा। वैसे ही सुशील मोदी का बिहार भाजपा। बिहार भाजपा का संगठन भी इसे स्‍वीकार कर रहा है। कम से कम बिहार भाजपा का फेसबुक पेज तो यही कह रहा है- सुशील मोदी का बिहार भाजपा। बिहार भाजपा के फेसबुक पर अधिकृत पेज bjp4bihar  पर 6 अगस्‍त को एक तस्‍वीर लगी है, जिसमें 15 अगस्‍त से 25 सितंबर तक प्रदेश में पार्टी की ओर दो करोड़ पेड़ लगाने का संकल्‍प व्‍यक्‍त किया गया है। इस तस्‍वीर में एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह की तस्‍वीर है। जबकि दूसरी उपमुख्‍यमंत्री सुशील मोदी और प्रदेश अध्‍यक्ष नित्‍यानंद राय की तस्‍वीर है।

इससे पहले पार्टी के बैनर, होर्ल्डिंग में सुशील मोदी व नित्‍यानंद राय के अलावा नंद किशोर यादव, प्रेम कुमार और मंगल पांडेय की भी तस्‍वीर नजर आती थी। लेकिन 6 अगस्‍त को फेसबुक पर लगी तस्‍वीर में सिर्फ सुशील मोदी और नित्‍यानंद राय नजर आ रहे हैं। यह तस्‍वीर इस बात की भी गवाह है कि सत्‍ता में लौटी भाजपा का चेहरा सप्‍ताह भर में बदल गया। पार्टी के अन्‍य प्रमुख चेहरे हाशिये पर धकेल दिये गये। पार्टी की पहचान सुशील मोदी व नित्‍यानंद राय बन गये हैं। संभव है कि पार्टी के फेसबुक पर अपलोड तस्‍वीर प्रतीकात्‍मक हो, लेकिन जो दिख रहा है, वह सिर्फ संयोग नहीं हो सकता है।

By Editor


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