बिहार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने कचरों (अपशिष्ट) को कम्पोस्ट (जैविक खाद) में बदलकर इसे आय का स्रोत बनाने पर बल दिया और कहा कि सभी तरह के कचरों की मात्रा बढ़ती जा रही है, जो चिंता का विषय है ।
श्री सिंह ने आज पटना में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विषय पर आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन करने के बाद कहा कि बढ़ती हुयी आबादी एवं बढ़ते बाजार के कारण सभी तरह के कचरों की मात्रा आये दिन बढ़ती जा रही है । सभी तरह के कचरों का आये दिन बढ़ना चिंता का विषय है और इस पर नियंत्रण के लिए सभी के सहयोग की जरूरत है । मुख्य सचिव ने कहा कि हमें भी गंदगी में रहने की आदत पड़ गयी है । सभी विकसित देश ऐसे हालात से गुजर चुके हैं । उन्होंने कहा कि आज हमें अपनी सोच एवं आदतें बदलनी होगी और अपने-अपने इलाकों को स्वच्छ एवं प्रदूषण मुक्त बनाना होगा । इसके लिये लोगों को आगे निलकर आना होगा ।
श्री सिंह ने सभी निकायों से यह अपेक्षा की कि वे अपने-अपने इलाकों से निकले कचरों का निपटान भी अपने ही क्षेत्र में सुनिश्चित करेंगे । उन्होंने कहा कि सभी निकाय ऐसे कचरों को जैविक खाद में बदलकर इसे आय का स्रोत बना सकते हैं । इससे सभी निकायों की जहां आय बढ़ेगी वहीं संबंधित क्षेत्र का भी विकास होगा । पर्यावरण एवं वन विभाग के प्रधान सचिव और राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह ने कहा कि विभिन्न प्रकार के कचरों को निपटाने के लिये अलग-अलग नियमावली बनायी गयी है।