जैन धर्म के २४वें तीर्थकर श्रमण महावीर की २६०० वर्ष पुरानी प्रतिमा आज प्रातः पुलिस दारा बिछ्बे व् हुसैनिगंज के बीच रास्ते में सड़क के किनारे 10 वें दिन रविवार को बरामद की गई |
मुकेश कुमार, पूर्वी बिहार ब्यूरो
इस अवसर पर जैन श्वेताम्बर सोसाइटी लछुआर में प्रेस को संबोधित करते हुए भागलपुर प्रक्षेत्र के आई जी बच्चू सिंह मीणा ने कहा कि प्रशासन इस ऐतिहासिक धरोहर को पूरी सुरक्षा प्रदान करेगा, लेकिन पहाड़ स्थित जन्म कल्याणक मंदिर का निर्माण जबतक पूरा नहीं हो जाता है, तबतक सुरक्षा की दृष्टि से इस अमूल्य धरोहर को लाछुआर स्थित जैन श्वेताम्बर सोसाइटी के परिसर में ही रखा जायेगा |
पुलिस दबिश से छोड़ दी मूर्ति
मीणा ने कहा कि पुलिस की सक्रियता और बढ़ते दबाब के कारण अपराधी बीच सड़क पर मूर्ति छोड़कर चले गए लेकिन पुलिस शीघ्र ही इस काण्ड में संलिप्त अपराधियों को धर दबोचेगी और इस काण्ड का सम्पूर्ण रूप से उदभेदन कर दिया जायेगा |मूर्ति बरामदगी के सम्बन्ध में बताया जाता है कि विछ्वे गाँव निवासी मनीष कुमार ,दिनेश कुमार एवं शशि पुष्पक तीनो युवक आर्मी की तैयारी में दौड़ को लेकर सड़क के किनारे दौड़ रहा था |इसी बीच उनकी नजर भगवानमहावीर की मूर्ति की ओर गया |युवक ने उसे लावारिश लाश समझकर मूर्ति के समक्ष जाने से कतरा रहा था |इस दौरान युवक ने जब पास जाकर देखा तो वहां महावीर की मूर्ति मिली |मूर्ति को देखकर तीनो युवक ने गाँव में जाकर इसकी सुचना स्थानीय पूर्व मुखिया को दिया |मूर्ति की खबर सुनते ही मूर्ति के पास सैकड़ो लोगो की भीड़ इकठ्ठा हो गई |
केंदगृहमंत्री
ज्ञात हो कि बिगत २७ नवम्बर को निर्माणाधीन जन्म कल्याणक मंदिर से विश्व की प्राचीनतम भगवान् महावीर की ऐतिहासिक प्रतिमा चोरी हो गयी थी | स्थानीय सांसद चिराग पासवान और उनके राजनीतिक सलाहकार अमरेश चन्द्र मिश्र की सक्रियता से पूरे प्रकरण को एक नयी दिशा मिली | मूर्ति बरामदगी को लेकर सांसद गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिले और पूरी घटना से अवगत कराया |
सही था डॉग स्क्वायड का अनुमान
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया और मूर्ति बरामदगी की दिशा में ठोस और आवश्यक कार्रवाई का निवेदन किया | वे निरंतर जमुई और बिहार प्रशासन के संपर्क में रहे और स्थिति की समीक्षा करते रहे | यह भी उल्लेखनीय है कि डॉग स्क्वैड ने जिस दिशा में अपना संकेत दिया था |अर्थात दिशा की पहचान लछुआड़ के इर्द गिर्द ही की थी | उसी दिशा में मूर्ति मिली |यह बात प्रमाणित हो गया कि चोर द्वारा मूर्ति को लछुआड़ के इर्द गिर्द ही छिपाई गई थी |मूर्ति बरामदगी को लेकर लगातार छापेमारी जारी थी |शासन प्रशासन का नजर लगी हुई थी |देश देशांतर के लोग में मूर्ति चोरी की घटना पर हाय तौबा मचा था |
केन्द्रीय गृह मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री की नजर इस पर थी |बिहार पुलिस के लिए साख का सवाल था |पुलिस के लिए भी चुनौती थी |पुलिस के सामने यह सबाल है कि मूर्ति की चोरी किसने की और किसने इतने दिनों तक मूर्ति को छुपाये रखा तथा किसने मूर्ति यहाँ लाकर फेंक दिया |पुलिस की इतनी चौकसी के बाबजूद भी मूर्ति को छुपाये हुए स्थान से निकाला जाना और फिर उसे विछ्वे हुसैनीगंज के रास्ते पर फेका जाना |यह भी अपने आप में एक बड़ी बात है | फिर भी पुलिस की बढ़ती दबिश से इंकार नहीं किया जा सकता है।
गौरतलब है कि भागलपुर के आईजी ने झाझा के थानाध्यक्ष अरुण कुमार राय , जमुई के सब इंस्पेक्टर संजय कुमार को उक्त मामले के उदभेदन का विशेष भार सौप रखा था। जिनकी कड़ी चौकसी को चोर गिरोह नहीं पचा नहीं पाये। हाईलाईटेड होने के कारण ही चोरो ने पकड़ में आ जाने के भय से इन मूर्ति को सुनसान जगह पर फेक डाला| गृह मंत्री के प्रति आभार व्यक्त करने हेतु सांसद की तरफ से सलाहकार अमरेश चन्द्र मिश्र के नेतृत्व में जैन आचार्यो और जैन अनुयाइयो का एक दल उनके आवास पर कल मिलने जा रहा है | जैन श्वेताम्बर सोसीएटी के अध्यक्ष कमल सिंह रामपुरिया, जैन चिन्तक अनिलेश चन्द्र मिश्र सहित सैकड़ो की संख्या में स्थानीय बुद्धिजीवी एवं गणमान्य नागरिकों ने सांसद चिराग पासवान को उनकी सक्रियता के लिए आभार व्यक्त किया है |
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