ऐसे समय में जब लालू प्रसाद अपने राजनीतिक सिपहसलारों की बदलती निष्ठा और कार्यकर्ताओं की बगावत से परेशान हैं, एक खबर उन्हें काफी राहत व संतोष देने वाली है.
राहत की यह खबर चारा घोटाला मामला में उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों को लेकर है. सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा ने उनके खिलाफ चारा घोटाले से जुड़े तीन लंबित मामले वापस लेने की सिफारिश की है.
हालांकि इसी चारा घोटाले से संबंधित एक मामले में विशेष अदालत लालू को सजा सुना चुकी है और वह फिलहाल जमानत पर हैं.
लेकिन सीबीआई के निदेशक रंजीत सिन्हा ने अन्य तीन मामलों में आदालत से कहा है कि ‘इन मामलों में ज्यादातर साक्ष्य और आरोपी समान हैं. आरोपों में भी समानता है. एक मामले में सजा हो चुकी है. ऐसे में अगर सबूत समान हों और एक ही तरह के आरोप हों तो आरोपी पर दूसरा मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए. पटना जोन के प्रमुख और अभियोजन निदेशक से मैं सहमत नहीं हूं. इसलिए सॉलिसिटर जनरल की राय के लिए इसे भेजा जा रहा है’.
हालांकि यह मामला आधिकारिक रूप स अभी खत्म नहीं हुआ है लेकिन माना जा रहा है कि सीबीआई की यह पहल का लालू प्रसाद के पक्ष में जायेगी.
दूसरी तरफ सीबीआई डायरेक्टर की राय से अभियोजन निदेशक ओपी वर्मा सहमत नहीं हैं पर सीबीआई ने जिस मजबूती से अपना पक्ष रखा है, उससे लगता है कि आखिरकार लालू प्रसाद को इसका लाभ मिल सकता है.