जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में आज अरवल के रहने वाले एक युवक ने सुनवाई के दौरान सीएम पर चप्पल चला दी। जनता के दरबार के बाद मीडिया से चर्चा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि चप्पल उनकी छाती पर लगी। युवक दिन में हवन करने से रोक लगाने के सरकार के फैसले से नाराज था।
लेकिन सवाल यह है कि इतनी कड़ी सुरक्षा के बीच आखिर ऐेसे हादसे हो कैसे जाते हैं। दरबार में सीएम के खिलाफ असामाजिक हरकत पहले भी हो चुके हैं। एक बार पूर्व सीएम जीतनराम मांझी पर भी सारण के युवक ने दरबार में जूता मारने की कोशिश की थी। दरबार में हंगामा की नौबत हर बार आती है। उससे पुलिस निपटती रही है।
जनता दरबार में जाने के लिए पंजीयन से लेकर प्रवेश करने और मुख्यमंत्री के टेबुल तक पहुंचने में हर स्तर पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। विशेष शाखा पुलिस के जवान सैकड़ों की संख्या में तैनात रहते हैं। कई जगहों पर मैटल डिटेक्टर लगाया रहता है। सीएम के अलग-बगल भी महिला पुलिस कर्मी और जवान तैनात रहते हैं। चप्पल खोलने और फेंकने तक के बीच समय लगा ही होगा। इस दौरान पुलिस कर्मी युवक की गतिविधि पर ध्यान नहीं रख रहे थे। अन्यथा इस हादसे को टाला जा सकता था। फिर भी, आगे से सुरक्षा को और विश्वसनीय बनाया जाए, इसकी व्यवस्था की जानी चाहिए।