ऐसे समय में जब पीएम नरेंद्र मोदी कनाडा के दौरे पर हैं, वहां की एक अदालत ने 2002 दंगों में उनके खिलाफ समन जारी कर दिया है. अदालत का कहना है कि मोदी प्रथमदृष्टया प्रताड़ित करने के दोषी पाये गये हैं.
हालांकि मोदी के खिलाफ जारी इस समन को वहां के ऑटर्नी जनरल ने रोक लगा दी है.
अंग्रेजी अखबार द हिंदू का दावा है कि मोदी के खिलाफ जारी समन की कॉपी उसके पास मौजूद है. नरेंद्र मोदी के खिलाफ सिख फॉर जस्टिस {एसएफजे} ने मामला दायर किया था.
गौर तलब है कि नरेंद्र मोदी के खिलाफ इस संगठन ने अमेरिकी अदालत में भी मामला दायर कर रखा है. एसएफजे के वकील गुरपतवंत सिंह का कहना है कि भले ही इस समन पर रोक लगा दी गयी हो लेकिन 15 अप्रैल का दिन उनके लिए प्रताड़ना के खिलाफ विजय दिवस के रूप में है. अदालत ने यह समन इसी दिन जारी किया था.
कनाडा की अदालत में पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ याचिका दायर कर कहा गया था कि मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री के बतौर याचिकाकर्ता के परिवार की प्रताड़ना में शामिल रहे जिसके कारण उन्हें काफी परेशानी हुई और उनके परिवार के सदस्य की मृत्यु तक हो गयी. उन पर आरोप लगाया गया है कि नरेंद्र मोदी ने यह प्रताड़ना मजहबी भेदभाव के तहत की.
गौरतलब है कि 2002 में गुजरात में मुस्लिमों के खिलाफ भयानक दंगा हुआ जिसमें एक हजार से ज्यादा लोग मारे गये जिनमें ज्यादातर मुसलमान ते. उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे.
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