देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किये गये जवाहलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को 23 दिन के बाद आज शाम तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कन्हैया को कल शाम छह महीने की अंतरिम जमानत दी थी।
अदालत ने कन्हैया को इस बात की गारंटी पर जमानत दी थी कि वह किसी भी “राष्ट्र विरोधी गतिविधि” में शामिल नहीं होगा। संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ‘राष्ट्र विरोधी’ नारे लगे थे। कन्हैया को इस कार्यक्रम को आयोजित कराने के आरोप में 12 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। उच्च न्यायालय से कन्हैया को अंतरिम जमानत मिलने के तुरन्त बाद दिल्ली पुलिस ने कहा था कि कन्हैया को जमानत मिलना उसके लिए कोई झटका नहीं है और आदेश का विश्लेषण करने के बाद वह आगे की कार्रवाई पर कोई फैसला करेगी।
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल नीत सरकार ने इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिये थे, जिसमें पाया गया कि सात में से कम से कम दो वीडियो में छेड़छाड़ की गई है। दिल्ली सरकार ने जांच में कन्हैया कुमार को क्लीन चिट देते हुए कहा कि इस बात के कोई सबूत नहीं मिले है कि उस विवादास्पद कार्यक्रम में कन्हैया ने राष्ट्र विरोधी नारे लगाये थे।