नरेंद्र मोदी व उनकी पार्टी बारंबार घोषित करने में लगे हैं कि वह ओबीसी हैं. एक दिन तो चार बार मोदी ने ट्विट कर यह घोषणा की. पर वह कबसे ओबीसी हो गये. इस तथ्य पर नजर डाल रहे हैं दिलीप मंडल.
नरेंद्र मोदी खुद को दर्जनों बार पब्लिकली नीच और पिछड़ा कह चुके हैं। खुद को पिछड़ी जाति का बताने के लिए एक दिन उन्होने पाँच बार ट्विट किया। बीजेपी लाउड स्पीकर लगाकर बोल रही है कि पिछडा है भाई, पिछडा है।
होंगे। मान लेते हैं।
लेकिन केंद्र सरकार में नेशनल कमीशन फ़ॉर बैकवर्ड क्लासेस की साइट खोलिए। उसमें गुजरात के ओबीसी की लिस्ट देखिए। इसमें 23 नंबर पर नरेंद्र मोदी की जाति “मोड घांची” का ज़िक्र है। लेकिन इसके साथ का रिमार्क पढिए। इस लिस्ट में 4/4/2000 को परिवर्तन हुआ है। यह नोटिफिकेशन की डेट है। क्या परिवर्तन हुआ है, यह जानना दिलचस्प होगा। किसने किया, क्यों किया?
अब पूछिए कि लिस्ट जब बदली गई तो गुजरात में किसकी सरकार थी? वह सरकार बीजेपी की थी। लिस्ट बदलने वाली केंद्र की सरकार किसकी थी? ज़ाहिर है अटल बिहारी वाजपेयी सरकार। उस समय मोदी जी बीजेपी के अत्यंत प्रभावशाली राष्ट्रीय संगठन महामंत्री थे।
मोदी जी का बार बार खुद के पिछडा बताना संदेह पैदा करता है।
देश में किसी भी पार्टी का कोई और नेता अपनी जाति इस तरह नहीं बताता, जैसा मोदी जी और उनकी पार्टी कर रही है।
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