पटना नगर निगम के कमिश्नर कुलदीप नारायण के निलंबन के खिलाफ जहां आईएएस और बीपीएस जैसे संगठन सामने आ चुके हैं वहीं सोशल मीडिया पर भी जोरदार विरोध शुरू हो गया है.
इर्शादुल हक, एडिटर नौकरशाही डॉट इन
फेसबुक पर कुलदीप नारायण की हिमायत में एक ग्रूप बन गया है जिसमें सोमवार सुबह तक 1012 लोग जुड़ चुके हैं और अपनी बेबाक राय कुलदीप की हिमायत में रख रहे हैं.
इस ग्रूप के मॉडरेटर ने लिखा है कि पटना नगर निगम के कमिश्नर कुलदीप नारायण को पिछले शुक्रवार की रात अचानक निलंबित कर दिया गया जबकि पटना हाई कोर्ट ने इस बात का स्पष्ट निर्देश दे रखा है कि जब तक पटना शहर में गैरकानूनी इमारतों से जुड़े मामले का निपटारा नहीं हो जाता. ग्रूप ने लिखा है कि वह इस निलंबन के खिलफ है और सरकार से मांग करता है कि कुलदीप नारायण को पद पर बहाल किया जाये.
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इस ग्रूप में लोगों ने भी अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है. ग्रूप के एक सदस्य सैलेश चंद दिवाकर ने लिखा है कि मुझे कुलदीप जी के संग काम करने का सौभाग्य है और मैं उन्हें बहुत करीब से जानता हूं. वह अपनी लड़ाई अकेल लड़ने की कूअत रखते हैं और उन्हें पता है कि जंग में कौन सा हथfयार कब और कैसे इस्तेमाल करना है.
2005 बैच के आईएएस अफसर कुलदीप नारायण आईआईटी के इंजीनियर हैं. इस बात को उजागर करते हुए अनुपम गुप्ता ने लिखा है कि रक्षा मंत्री पाणिकर और जयराम रमेश भी आईआईटी से पढ़ें हैं. क्या उन लोगों ने कुलदीप नारायण से सम्पर्क किया है? वहीं रविरंजन तिवारी जो कुलदीप नारायण के संग आईआईटी में पढ़ाई की है, ने अपने आईआईटियन दोस्तों से अपील की है कि वे संघर्ष को तेज करें. रविरंजन ने टाइम्स आफ इंडिया की वह खबर भी पोस्ट की है जिसमें आईआईटियन्स ने इस विवाद में पीएम मोदी से हस्तक्षेप करने की अपील की है.
वहीं ग्रूप के एक सदस्य ने एक शेर में अपने विचार रखते हुए लिखा है- फैसला होने से पहले मैं क्यों हार मानूं/ जग अभी जीता नहीं मैं अभr हारा नहीं – वहीं अमेरिका में रहने वाले एक अन्य आईआईटियन पुनीत अग्रवाल ने कुलदीप नारारायण को कानूनी तौर पर मदद करने के अलावा ऐसे राजनेताओं से सम्पर्क करने की बात कही है जो इस निलंबन के खिलाफ आवाज उठा सके. वहीं अभिषेक चौहान जो आईआईएम अहमदाबाद के एलुमनी हैं ने इस मामले में पत्रकारों से मामले को उजागर करने की सलाह दी है.
आईआईटी कानपुर के एलुमनी रहे आशीष नारायण ने इस ग्रूप के लोगों को आश्वस्त किया है कि कुलदीप के निलंबन की बुनिया काफी कमजोर है और यह अदालत में टिक नहीं सकेगा. अदालत में यह मामाला जाना चाहिए ताकि इस पर तत्काल रोक लग सके.
वहीं मनोज कुमार पांडेय ने कुलदीप के निलंबन के खिलाफ चल रहे इस अभियान का मोबल एक शेर के सहारे बढ़ाने की कोशिश की है. उन्होंने लिखा है- मैं अकेले ही चला ता जानिब ए मंजिल मगर/ लोग सात आते गये और कारवां बनता गया
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