कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में आज भारतीय जनता पार्टी विरोधी दलों के नेताओं का जमावड़ा रहा, जिसे 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता का संकेत माना जा रहा है। इस मौके पर कुछ ऐसे दलों के नेता भी मंच पर एक साथ दिखाई दिये जो लंबे समय से एक-दूसरे के धुर-विरोधी रहे हैं। इनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल हैं, लेकिन इन दोनों दलों के अगले लोकसभा चुनाव में एक साथ आने की संभावना कतई नहीं है।
उत्तर प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती को लेकर भी काफी चर्चा रही। सपा और बसपा उत्तर प्रदेश में हुए दो लोकसभा सीटों के उपचुनाव में साथ आ चुके हैं। दोनों नेता संभवत पहली बार एक साथ एक मंच पर नजर आये।
समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख अजित सिंह, राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव, जनता दल (यू) से अलग हुए शरद यादव और अभिनेता से नेता बने कमल हासन मौजूद थे।
श्रीमती गांधी और सुश्री मायावती एक-दूसरे से बहुत गर्मजोशी से मिलीं। मंच पर जब सभी नेता एक साथ खड़े थे तो श्रीमती गांधी ने सुश्री मायावती के लिए अपनी बगल में जगह बनायी और उनका हाथ उठाकर एकजुटता दिखायी।