ग्रेच्युटी और मातृत्व अवकाश बढ़ाने संबंधी विधेयक के संसद से पारित होने पर विपक्षी दलों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए सरकार ने आज कहा कि वह कर्मचारियों के हितों के लिए सदैव प्रतिबद्ध है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संसद भवन में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस विधेयक का पारित होना यह दर्शाता है कि मोदी सरकार कर्मचारियों के साथ है और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आज हम लोग राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडु से मिले थे और उनसे यह विधेयक पारित कराने का अनुरोध किया था।
श्रम एवं रोज़गार मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि भविष्य में वेतन पुनरीक्षण होने पर ग्रेच्युटी का पुनरीक्षण भी स्वत: हो जाएगा और इसके लिए बार बार संसद आने की जरूरत खत्म हो जाएगी। श्री गंगवार ने कहा कि नये विधेयक के पारित होने से बैंकों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों एवं निजी क्षेत्र में भी कामकाजी महिलाओं को मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह की जगह 26 सप्ताह का मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इस विधेयक से ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा दस लाख रुपए से बढ़ा कर 20 लाख रुपए कर दी गयी है और आने वाले दिनों में जब भी वेतनमानों का पुनरीक्षण होगा, उसी के साथ ग्रेच्युटी का भी पुनरीक्षण हो सकेगा। संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि उन्होंने इस विधेयक को पारित कराने के लिए विपक्षी सदस्यों से व्यक्तिगत रूप से अनुरोध किया था और वे इसके लिए तैयार भी हो गये।