पूंजीवादी लोकतांत्रिक प्रणाली ने देश के 90 प्रतिशत लोगों को चुनाव प्रक्रिया से बे दखल कर दिया है. भारत की बहुसंख्य जनता वोट तो दे सकती है पर उससे लोकसभा चुनाव लड़ने का अधिकार छीन लिया गया है.

शहीद बीएम राही
शहीद बीएम राही

कॉमरेट शहीद बालमुकुंद राही के शहादत दिवस पर पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में वामपंथी नेता डीएस निराला और  रामगोविंद सिंह ने ये विचार रखे. निराला ने कहा कि पूंजीवादी वर्चस्व ने इस तरह से देश की 90 प्रतिशत जनता को लोकतांत्रिक प्रक्रिया से बाहर कर दिया है.

शहादत दिवस

उन्होंने कहा कि आज करोड़ों लोग हैं जो नेतृत्व और काबिलियत के स्तर पर मौजूदा नेताओं से काफी आगे हैं लेकिन उनके पास लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन भरने के लिए जमानत राशि 25 हजार और चुनाव में खर्च करने के लिए 70 लाख रुपये नहीं हैं. निराला ने कहा कि  इसी पूंजीवाद के विरोध में क्रांतिकारी नेता बालमुंकुंद राही ने पूरे जीवन संघर्ष किया और 1983 में 25 अप्रैल को अपनी शहादत तक दे दी. उन्होंने राही के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि 1967 के नक्सलबाड़ी आंदोलन के दौरान राही ने कम्युनिस्ट विचारधारा के प्रसार के लिए बिहार के गांव-गांव का भ्रमण किया. उनमें गजब की संगठनक्षमता थी. उन्होंने कहा कि राही मार्क्सवाद के भारतीय स्वरूप के अग्रिम पंक्ति के नीतिकारों में से थे.

कलम और क्रांति के प्रतीक

इस अवसर पर कॉमरेड रामगोविंद सिंह ने  बालमुकुंद राही के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि कॉमरेड राही जि ऊंचाई के कलम के सिपाही थे उसी ऊंचाई के सगठनकर्ता भी थे जिन्होंने अपने जीवन भर में कभी भी न तो अपने सिद्धांतों से कभी समझौता किया और न ही अपनी लेखनी से. उन्होने पूर्वी टाइम्स  के लिए पत्रकारिता करते हुए कई क्रांतिकारी लेख लिखे जिससे इंदिरागांधी तक की नजर गयी. इसी प्रकार हिमालय संदेश में लिखे लेखों से नेपाल के तत्कालीन महाराजा ने बालमुकुंद राही से मिलने की इच्छा जतायी थी लेकिन राही उनके बुलावे पर कभी नेपाल नहीं गये.

इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता अनीश अंकुर ने अपने विचार रखते हुए कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में बीएम राही के योगदान का महत्व और अधिक बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि आज इस देश को एक कसाई के हवाले करने की मुहिम छेड़ी गयी है. देश का प्रधानमंत्री एक ऐसे व्यक्ति को बनाने का अभियान छेड़ा गया है जो गुजरात में 1200 लोगों की हत्या का जिम्मेदार है. अनीश ने राही का जिक्र करते हुए कहा कि आज बालमुकुंद राही होते तो अपनी तमाम ऊर्जा नरेंद्र मोदी के विरोध में लगा देते.

इस कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए कॉमरेड राधेश्याम ने कहा कि ऐसे समय में जब देश के युवाओं के विचारों को दुषित कर दिया गया है, हमें कॉमरेड राही के दर्शन पर आगे बढने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में मार्क्स्वाद ही इस देश को सही दिशा दे सकता है क्योंकि यह प्राकृतिक दर्शन है. इस अवसर पर अनेक लोगों ने कॉमरेड राही की तस्वीर पर फूल चढा कर श्रद्धांजलि दी. बैठक का संचालन शक्तिमान राही ने किया. इस कार्यक्रम का आयोजन अखिल हिंद फॉरवर्ड ब्लॉक( क्रांतिकारी) और  बालमुकुंद राही विचार मंच ने संयुक्त रूप से किया.

By Editor


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