मैट्रिक के परीक्षार्थियों जब आप कल सुबह मैथ की परीक्षा में माथपच्ची कर रहे होंगे वहीं गया के सैकड़ों परीक्षार्थी उन प्रश्नों को आज रात में ही हल कर चुके हैं.
गया से सैयद फैजुर्रहमान की रिपोर्ट
वहां हिंदी के बाद अभ गणित के प्रश्नपत्र की खुलेआम बिक्री चल रही है.
बिहार में जारी मेट्रिक परीक्षा के लिए भले सरकार कदाचार मुक्त परीक्षा के दावे करे वही दूसरी और सरकार के दावे कि पोल शिक्षा माफिया से जुडे लोग खोल रहए हैं.
बिहार में संचालित मेट्रिक परीक्षा में गया जिले से लगातार प्रशन पत्र लीक होने कि लगातार सुचना प्रपात हो रही हैं ,परन्तु जिला प्रशासन सहित परीक्षा संचालन से जुडे शिक्षा अधिकारी इसे महज़ एक अफवाह बता रह थे .शनिवार को गया शहर में 72 परीक्षा केन्द्रों पर हिंदी की परीक्षा संपन होई.
परीक्षा केंद्रे से लौट रह छात्रों ,छात्रा के चहेरो पर खुशिया साफ़ झलक रही थी. वजह जहां शुक्रवार को विज्ञानं विषय के प्रशन पत्र लीक होने का फ़ायदा छात्र उठा चुके थे वही शनिवार को हिंदी की परीक्षा में भी यह बात सामने आई.
सोमवार को होने वाली गणित की परीक्षा का प्रशन पत्र आज दोपहर से ही बाजारों में उपलब्ध हो गया हैं .
शनिवार को सुबह से ही हिन्दी प्रशन पत्र 100 रुपये में बाजारों में जवाब के साथ बेचा जा रहा था.पर हैरत की बात यह हैं की जिला शिक्षा पदाधिकारी विनोद कुमार इसे एक अफवाह बताया. जबकि प्रशन पत्र लीक मामले में शुक्रवार को टेकरी के नगरपालि कामध्यविद्यालय से जहां तीन परीक्षार्थि को निष्काषित किया गया’ वही दो अभिभावको को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया .
यदि प्रशासन की बात पर यकीन किया जाये तो प्रशन पत्र लीक मामला एक अफवाह हैं तो आखिर उन पाच लोगों को किस बात की सज़ा दी गई.
इसका कोई भी माकूल जवाब अधिकारी नहीं दे सके.
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