जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला की अगुआई में राज्य के विपक्षी दलों के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मिलकर कश्मीर घाटी की गंभीर स्थिति की जानकारी दी और अनुरोध किया कि वह केन्द्र सरकार से इस संकट का राजनीतिक समाधन निकालने को कहें ।
राष्ट्रपति भवन में श्री मुखर्जी से करीब एक घंटे की मुलाकात के बाद श्री अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि वह केन्द्र सरकार से कश्मीर में सभी पक्षों के साथ सार्थक बातचीत शीध्र शुरू करने के लिए कहें। उन्होंने कहा कि कश्मीर की समस्या को प्रशासनिक तरीके के बजाय राजनीतिक तरीके से सुलझाने की जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार यह नहीं समझ पा रही है कि कश्मीर का मुद्दा मुख्य रूप से राजनीतिक है और इसके कारण वहां स्थिति बिगड़ी है। इस दिशा में यदि तुरंत कदम नहीं उठाया गया तो स्थिति और खराब हो सकती है। उनका कहना था कि राज्य में स्थिति सामान्य बनाने के लिए जो उपाय राज्य और केन्द्र सरकार को करने चाहिए, वह विपक्षी दल कर रहे हैं।
केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार की आलोचना करते हुए श्री अब्दुल्ला ने कहा कि वह स्थिति को नियंत्रित करने में असफल रही है। सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर पैलेट गन का इस्तेमाल किये जाने से बडी संख्या लोंग घायल हुये हैं । लोग लगातार सडकों पर उतर रहे हैं लेकिन राज्य और केन्द्र का राजनीतिक नेतृत्व इस पर चुप बैठा हुआ है ।