अभी रात के दस बजे हैं. सड़क पर लोगों की भीड़ छटने का लाभ उठा कर गोमालिकों ने इस गोमाता को पटना के राजेंद्रनगर स्टेशन से मात्र 300 मीटर के फासले पर ट्राली से उलट कर लाविरस छोड़ दिया है. गोमाता के सम्मान की दुहाई देने वाले गोरक्षक भी नजर नहीं आ रहे हैं.
नौकरशाही डॉट कॉम के पत्रकार की नजर इस पर पड़ी तो गोमालिक इसे लावारिस छोड़ कर भागते नजर आये. कैमरे की रौशनी चमकती देख वे और तेजी से भाग निकले.
पटना में यह स्थिति तब है जब एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गोरक्षकों से अपील की थी कि वे लावारिस गायों की चिंता करें. उन्होंने कहा था कि सरकार भी यह प्रयास कर रही है कि लावारिस गाये सड़कों पर ना फेके जायें.
देश भर में गाय माता के नाम पर उत्पात मचा है. गाय के नाम पर आय दिन हत्या तक की जा रही है लेकिन जब गायपालक ही गोमाता का यह हाल कर दें तो साफ लगता है कि गाय के प्रति उनकी संवेदना कितनी नकली है. इस रात के अंधियारे में अगर इस लाविरस गाय पर जानवरों की नजर पड़ जाये तो वे इसकी बूटियां उधेड देंगे. या यह भी संभव है कि रात में भारी वाहनों की चपेट में आ कर बड़ा हादसा भी हो सकता है.
ऐसे में गोमाता के प्रति झूठे सम्मान दिखाने वाले गोरक्षकों से क्या उम्मीद की जा सकती है. ऐसा लगता है कि यह गाय बीमार थी और जैसे ही मर गयी गाय के मालिकों ने इस अंतिम संस्कार करने के बजाये सड़क पर लाविरस छोड़ दिया है.