बिहार में कांग्रेस के पुनर्जीवन के लिए मंथन तेज हो गया है। राजद व जदयू के साथ कांग्रेस के चुनावी तालमेल का फायदा कांग्रेस को होता दिख रहा है। लेकिन जनाधार विस्तार की चिंता सभी कांग्रेसी को सता रही है। वैसे माहौल में नौकरशाहीडॉटइन के बिहार ब्यूरो प्रमुख वीरेंद्र कुमार यादव ने कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन से बातचीत की। इस दौरान कई मुद्दे उभर कर सामने आए।
गांवों से होगा कायाकल्प
कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि कांग्रेस को संजीवनी गांवों से ही मिलेगी। गांव के मुद्दे ही कांग्रेस को ऊर्जा व ताकत दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि पुराना नारा है- कांग्रेस चले गांव की ओर। जिस दिन कांग्रेस गांव में पहुंच जाएगी। उसका कायाकल्प हो जाएगा। गांवों के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है किसान और किसान का सरोकार। खेतों में पानी, फसलों के लिए उर्वरक और कारोबार के लिए सड़क। ये ग्रामीण अर्थव्यवस्था की आधारभूत जरूरते हैं। किसानी की आत्मा इन्ही चीजों से जुड़ी है। कांग्रेस इन्हीं मुद्दों को लेकर कार्यक्रम तय करेगी और इसी आधार पर अपना जनाधार भी बढ़ाएगी।
मुद्दों पर चिंतन
कांग्रेस सांसद ने कहा कि बिहार प्रभारी सीपी जोशी भी बिहार के मुद्दों पर गहन अध्ययन कर रहे हैं। गठबंधन बनने के बाद कांग्रेस की रणनीति पर मंथन कर रहे हैं। बिहार प्रभारी जोशी जी ने भी कार्यकर्ताओं से किसानों के बीच काम करने का आग्रह किया है। श्रीबाबू की जयंती के दिन पार्टी मुख्यालय सदाकम आश्रम में श्री जोशी ने वरीय नेताओं से मुलाकात की और मार्गदर्शन किया। रंजीत रंजन ने कहा कि राजद सांसद पप्पू यादव जी ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की बहाली के लिए बड़ा आंदोलन खड़ा किया है। हम उनके आंदोलन के साथ हैं। पीएम नरेंद्र मोदी जी ने अप्रत्यक्ष रूप से राजद सांसद के मुद्दों पर अपनी सहमति जतायी है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि किसानों के मुद्दों को लेकर हम संसद से सड़क तक लड़ाई छेड़ेंगे।
सवाल साख व विश्वसनीयता का
गठबंधन से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि गठबंधन के नफा-नुकसान पर बहस करने के बजाए हम पार्टी के आधार विस्तार की रणनीति पर काम रहे हैं। कांग्रेसी सांसद होने के कारण पार्टी की साख और विश्वसनीयता से जुड़ी चुनौतियों पर हमारी भी चिंता स्वाभाविक है। हम अब प्रमंडलीय किसान सम्मेलनों की शुरुआत करेंगे, ताकि हम किसानों के बीच अधिकाधिक समय दे सकें। किसान के सरोकार, गांव के सरोकार कांग्रेस की प्राथमिकताओं में शामिल है। पार्टी इसी दिशा में काम भी करना चाहती है।