कांग्रेस ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राज्य को विशेष दर्जा दिये जाने की मांग का समर्थन करते हुये आज कहा कि इस मांग की ओर ध्यान नहीं दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है और यदि अगले लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में उसकी सरकार बनी तो पार्टी इस पर गंभीरता से विचार करेगी।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव एवं बिहार में पार्टी मामलों के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि यदि उनकी सरकार बनी तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा। लेकिन, सत्ता में आने के बावजूद भी श्री मोदी ने अपना वादा पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं उनकी सरकार के चार वर्ष के कार्यकाल के दौरान उन्होंने बिहार की इस मांग से हमेशा असहमति ही जताई है।
श्री गोहिल ने कहा, “अभी हाल ही में नयी दिल्ली में हुई नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग उठाई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित थे लेकिन उन्होंने श्री कुमार की मांग पर ध्यान तक नहीं दिया, जो निराशाजनक है।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को उल्लेख करना चाहिए था कि बिहार की इस मांग पर उनकी सरकार की क्या योजना है।