कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल विवाद को लेकर मोदी सरकार पर तीखा निशाना साधते हुए आज कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के कार्यकाल में हथियारों से लैस एक राफेल की कीमत 526 करोड़ रुपए प्रस्तावित की गयी थी, जिसे मोदी सरकार ने बढ़ाकर 1600 करोड़ रुपए कर दिया।
लोकसभा में राफेल पर चर्चा में हिस्सा लेने के बाद शाम को श्री गांधी ने कांग्रेस मुख्यालय में आनन फानन में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मोदी सरकार ने हथियार प्रणालीयुक्त राफेल की कीमत 1600 करोड़ रुपए तय की जबकि कांग्रेस नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने इसी विमान को हथियारों के साथ 526 करोड़ रुपए में खरीदने का प्रस्ताव किया था।
उन्होंने कहा कि श्री जेटली लोकसभा में राफेल पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस पर आरोप लगा रहे थे कि उसके नेता को हथियारों से पूरी तरह लैस और बेसिक विमान में फर्क समझ नहीं आता। श्री गांधी ने कहा कि वित्त मंत्री को मालूम होना चाहिए कि 28 अगस्त 2007 के विमान खरीद के प्रस्ताव में साफ लिखा है कि राफेल में क्या क्या हथियार प्रणाली होनी चाहिए। इसमें विमान में लगायी जाने वाली सभी हथियार प्रणालियों का उल्लेख है और इसी में पूरा राफेल का सौदा आधारित है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार कहती रही है कि विमानों की कीमत नहीं बतायी जा सकती और श्री जेटली पूछते हैं कि कांग्रेस के पास आंकड़ा कहां से आया। श्री गांधी ने कहा कि जेटली जी के भाषण की क्लिप देख लीजिए। इसमें श्री जेटली ही बता रहे हैं कि विमान की कीमत 526 करोड रुपए है और इसके लिए अंतरराष्ट्रीय निविदा मंगाई गयी थी। इसी निविदा में 526 का आंकड़ा आप दे रहे है। सरकार कहती है कि दाम नहीं बता सकते लेकिन खुद श्री जेटली लोकसभा में कहते हैं कि विमान 1600 करोड़ रुपए का है।”