कारावास से लालू ने भेजा संदेश और बताया कि यह समाजवादी पर्व क्यों महत्वपूर्ण है
लालू प्रसाद
विश्व के सबसे बड़े पूर्ण रूप से इको-फ्रेंडली, समतावादी एवं समाजवादी सोच के प्रतीक पर्व छठ पूजा की आप सबों को हार्दिक शुभकामनाएँ।
मेरे लिए छठ पर्व का महत्व इसलिए और अधिक बढ़ जाता है क्योंकि यह सही मायने में समाजवादी सोच का पर्व है। अपने आप में यह पर्व विशिष्ट है। इसमें किसी पंडित या पुरोहित की आवश्यकता नहीं होती।
छठ में इस्तेमाल होने वाली सभी वस्तुएं और सामग्री नेचुरल होती है। कोई भी ऐसी चीज का इस्तेमाल नहीं होता, जो इको फ्रेंडली न हो। इसमें इस्तेमाल होने वाली प्रत्येक सामग्री हर आय वर्ग के अप्रोच में होती है और यही इसकी विशेषता है। इस महापर्व की एक और खूबी यह है कि इसमें किसी प्रकार की आधुनिकता का भौंडा प्रदर्शन नहीं होता। नदियों और तालाबों में अर्घ्य के बाद जो भी चीजें डाली जाती हैं, वह धीरे-धीरे पानी में गल जाती है और पानी को कोई नुकसान नहीं होता।
छठ के लोकगीत
छठ पूजा पर गाए जाने वाले लोकगीतों में स्त्री व्यक्तित्व की प्रधानता, समानता, सामाजिक समरसता, प्रकृति संरक्षण और जैव विविधता के कई संदेश हैं। मुझे लोक गीतों का सुनना अच्छा लगता है और इनका अपना विशिष्ट स्थान है|
छठ सिर्फ पर्व नहीं बल्कि लोक आस्था का महापर्व है। छठ पूजा की परंपरा और उसके महत्व को बताने वाली अनेक लोक कथाएं प्रचलित हैं। असंख्यक लोगों ने मुझे बधाई देते हुए कई बार कहा की “मेरी वजह से इस पर्व को राष्ट्रीय ही नहीं अपितु अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली। ऐसे शुभचिंतकों को मैं इतना कहना चाहता हूँ कि जो कुछ है वो सब आपके प्यार, समर्थन, सहयोग और विश्वास की बदौलत है।
छठ मैया आप सभी की मनोकामना पूर्ण करें एवं सबो के जीवन में सुख, शांति, समृद्धि, प्रेम और बरकत दें। जय छठ मैया की।