लोकतांत्रिक जनता दल (लोजद) ने आज आरोप लगाया कि बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के कार्यकाल में दलित उत्पीड़न की आये दिन घटनाएं हो रही है इसके बावजूद सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हुयी है।
लोजद के वरिष्ठ नेता एवं बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने संवाददाता सम्मेलन में वैशाली जिले के राघोपुर थाना क्षेत्र के मलिकपुर गांव में चार दिन पूर्व दलितों के कुछ घरों में आग लगाये जाने की घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा कि इस तरह की घटना की जितनी भी निंदा की जाये वह कम है। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गयी और विपक्ष पर अनर्गल आरोप लगाया जा रहा है।
श्री चौधरी ने कहा कि सरकार ने बक्सर जिले के नन्दनपुर गांव में महिलाओं एवं बच्चों और के अलावा गर्भवती महिलाओं हुए जुर्म पर चुप्पी साध ली है। सरकार को यह बताना चाहिए कि इसके लिए कौन जिम्मेवार है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद बक्सर जिले की घटना को कोई मंत्री या सरकार का प्रतिनिधि देखने तक नहीं गया।
लोजद नेता ने कहा कि इसी तरह नवादा जिले के वारसलीगंज थाना क्षेत्र में अपसड़ गांव के रहने वाले अनुसूचित जाति के टाले मांझी को इसलिए जिन्दा जला दिया गया कि उसने अपनी पुत्री को सामन्तों के हवाले नहीं किया। इस मामले का लेकर श्री मांझी बार-बार प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते रहे लेकिन सरकार की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि राजग सरकार में केवल अनुसूचित जाति-जनजाति के कल्याण के दावे किये जाते हैं जबकि सच्चाई इसके उलट है।