आरटीआई से प्राप्त दस्तावेज- नरेंद्र मोदी के खिलाफ ‘कच्चा चिट्ठा’ से कोहराम मचाने की कोशिश सामाजिक संगठनों ने शुरू की है. आप भी जाने क्या है यह ‘काला चिट्ठा‘?modi

दीपक मंडल की रिपोर्ट

भाजपा की पटना रैली से तीन दिन पहले सामाजिक संगठनों ने नरेंद्र मोदी को काला चिट्ठा से चित करने का अभियान छेड़ दिया है.

सामाजिक संगठन अनहद, लोक परिषद और इप्टा ने सूचना के अधिकार(आरटीआई) से प्राप्त तथ्यों के आधार पर तैयार दस्तावेज ‘कच्चा चिट्ठा’ में खुलासा किया है कि सद्भावना उपवास के नाम पर आयोजित कार्यक्रम में करोड़ों रुपये के फंड का न सिर्फ दुरोपयोग किया गया बल्कि इस कार्यक्रम के लिए सरकारी फंड का उपयोग नियमों को धता बता कर किया गया. मोदी ने सितम्बर 2011 से लेकर फरवरी 2012 तक 34 सद्भावना उपवा कार्यक्रम का आयोजन किया था.

23 अक्टूबर को सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने पटना में कच्चा चिट्ठा जारी किया.

गैर कानूनी कार्यक्रम

‘कच्चा चिट्ठा’ में बताया गया है कि मोदी के इस आयोजन में जो करीब छह महीने तक हुए, पहले तीन उपवास के कार्यक्रम पूरी तरह से गैर कानूनी थे क्योंकि इसके लिएए कहीं प्रशासनिक अनुमति नहीं ली गयी.

हालांकि यह सरकारी धन से आयोजित कार्यक्रम था लेकिन इसके लिए कोई पहले से योजना नहीं बनायी गयी थी. इसलिए सरकार को इसकी कोई जानकारी नहीं थी कि उस आयोजन पर कितना धन खर्च होगा.
आंकड़े बताते हैं कि इस आयोजन के लिए करोड़ों रुपये के सरकारी धन को सद्भावना उपवास के आयोजन के लिए डायवर्ट कर दिया गया. और यह सब मोदी की व्यक्तिगत छवि को बनाने के लिए खर्च किया गया.

इसके लिए एसेम्बली, राज्यपाल और नागरिकों को अंधेरे में रखा गया कि इस आयोजन पर किता खर्च किया जाना है.इस आयोजन में कानूनी प्रावधानों का पालन नहीं किया गया.

सद्भावना उपवास कार्यक्रम के दिन तक इस खर्च के अकाउंट का निष्पादन तक नहीं किया गया था. इतना नहीं संविधान के अनुच्छेद 266-267-283 के प्रावधानों का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन किया गया. ये अनुच्छेद कंटिंजेंसी फंड के उपयोग के अधिकार से संबंधित है.

दूसरे फंड को किया डायवर्ट

मोदी ने 281 करोड़ रुपये के पेय जल आपूर्ति की योजना की घोषणा की थी लेकिन इस योजना की राशि को भी सद्भावना उपवास के लिए डायवर्ट कर दिया गया.
ध्यान देने की बात यह है कि ये फंड केंद्र सरकार की योजनाओं का हिस्सा था. लेकिन उस राशि का उपयोग भी अपनी छवि चमकाने में मोदी ने इस्तेमाल किया.

झूठ सिर्फ झूठ

‘कच्चा चिट्ठा’ में मोदी को “बलशाली झूठा” करार देते हुए रहस्योद्घाटन किया गया है कि सामान्य प्रशासन विभाग ने सद्भावना कार्यक्रम शुरू होने के लगभग एक माह बाद 12 अक्टूबर 2012 को इस संबंध में मीटिंग की और फंड को अप्रूव किया जो कानून की धज्जी उड़ाना है.

पटना में जारी हुा मोदी का कच्चा चिट्ठा
पटना में जारी हुआ मोदी का कच्चा चिट्ठा

इसमें अनुमानित खर्च इस प्रकार बताये गये- रोड और हाउसिंग पर 30 लाख, जिलाधिकारियों को 8 लाख रुपये, परिवहन पर 20 लाख, प्रदर्शनी पर 12 लाख रुपये.

इसी प्रकार 5.11.2011 को लेटर नम्बर सीएनएफ-1111-433 के माध्यम से 3 करोड़ रुपये आवंटित किये गये. यह कंटिंजेंसी फंड से निकाले गये. और इसका उपोयग सद्भावना उपवास के लिये किया गया. यह राशि कार्यक्रम शुरू होने के डेढ़ महीने बाद आवंटित की गयी. यह भी नियमों का घोर उल्लंघन है.

बजट में भी उल्लेख नहीं

अगर यह राशि निर्गत की ही गयी तो अगले वर्ष मार्च में यानी 2012 में पेश होने वाले बजट में इसका उल्लेख किया जाना चाहिए था लेकिन बजट में इसका कोई जिक्र तक नहीं किया गया.

इसके बदले 24.2.2012 को को एक सपल्मंट्री स्टेटमेंट विधानसभा में जारी किया गया जिसमें इसका उल्लेख नयी सेवा के नाम से किया गया. यह नयी सेवा क्या है इसका कोई उल्लेख तक नहीं किया गया.
2013-14 के बजट में भी इसका कोई उल्लेख नहीं किया गया और 20. 2. 2013 को अतिरिक्त 15 करोड़ 48 लाख 15 हजार रुपये के अनुमानित खर्च का जिक्र किया गया.

14 फरवरी 2012 को सामान्य प्रशासन विभाग ने एक रेजुलेशन नम्बर 102011-504 जीएच के द्वारा जामनगर के डीएम को 20 लाख, डांग के डीएम को 20 लाख, नवसारी के डीएम को 12 लाख, तापी के डीएम को 15 लाख नर्मादा के डीएम को 20 लाख, वडोड्रा के डीएम को 20 लाख दिये गये. चकित करने वाली बात यह है कि ये राशि सद्भावना कार्यक्रम समाप्त होने के एक साल बाद दी गयी.

सामाजिक संगठन अनहद के प्रयास से जारी इस कच्चा चिट्ठा से राजनीतिक कोहराम मचने की उम्मीद जतायी जा रही है.

खास तौर पर ऐसे समय में जब मोदी कांग्रेसी भ्रष्टाचार की चर्चा अपनी रैलियों में कर रहे हैं तो ऐसे में अनहद के संजय शर्मा का कहना है कि मोदी द्वारा किये गये इस भ्रष्टाचार के खेल पर खुद मोदी को ही जवाब देना चाहिए.

By Editor

Comments are closed.


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427