किशनगंज लोकसभा क्षेत्र मुसलमान बहुल माना जाता है। इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व पत्रकार एमजे अकबर और सैयद शाहनवाज हुसैन भी कर चुके हैं। फिलहाल यह सीट कांग्रेस के कब्जे में है। कांग्रेस के सांसद असरारुल हक का पिछले दिनों देहांत हो गया था। माना जा रहा है कि यह सीट महागठबंधन की ओर से कांग्रेस की रहेगी, जबकि एनडीए में यह सीट जदयू के कोटे में गयी है। नवीनतम मतदाता सूची के अनुसार, किशनगंज में वोटरों की कुल संख्या 16 लाख 52 हजार 940 है। इसके तहत आने वाले विधान सभा क्षेत्र बहादुरगंज में वोटरों की संख्या 2 लाख 83 हजार 539, ठाकुरगंज में 2 लाख 82 हजार 24, किशनगंज में 2 लाख 83 हजार 213, कोचाधामन में 2 लाख 38 हजार 386, अमौर में 2 लाख 99 हजार 194 और बायसी में वोटरों की संख्या 2 लाख 66 हजार 584 है।
वीरेंद्र यादव के साथ लोकसभा का जनक्षेत्र- 6
वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र यादव की पुस्तक ‘राजनीति की जाति’ के अनुसार, किशनगंज में लगभग तीन-चौथाई वोटर मुसलमान हैं। मुसलमान वोटरों की सख्या 69.02 प्रतिशत, यादव वोटरों की संख्या 3.25 प्रतिशत, कुशवाहा की संख्या 1.47 प्रतिशत, मुसहर की संख्या 1.43 प्रतिशत और संथाल वोटरों की संख्या 3.38 प्रतिशत है। इस संसदीय क्षेत्र में हिन्दू सवर्ण वोटरो की संख्या काफी कम है। मुसलमानों में अगड़ा और पिछड़ा दोनों तरह के लोग शामिल हैं।
किशनगंज लोकसभा के तहत आने वाले सभी छह विधान सभा क्षेत्रों से विधायक सूरजापुरी मुसलमान हैं। बहादुरगंज के तौसिफ आलम (कांग्रेस), ठाकुरगंज के नौशाद आलम (जदयू), किशनगंज के मो. जावेद (कांग्रेस), कोचाधामन से मुजाहिद आमल (जदयू), अमौर से अब्दुल जलाल मस्तान (कांग्रेस) और बायसी से अब्दुल सुबहान (राजद) के विधायक निर्वाचित हुए हैं।
किशनगंज लोकसभा के लिए दूसरे चरण में मतदान 18 अप्रैल को होगा। नामांकन की प्रक्रिया जारी है और 26 मार्च नामांकन की आखिरी तिथि है। अभी तक एनडीए और महागठबंधन ने अपनी ओर से उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं है। इस सीट पर एक ओर कांग्रेस और दूसरी ओर जदयू रहेगा। दोनों खेमों में उम्मीवारों को लेकर मंथन जारी है। कल या परसो तक दोनों तरह से उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी जायेगी। इसके बाद ही परिदृश्य स्पष्ट हो पायेगा।