केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने खाद्य वितरण प्रबंधन को और अधिक कार्यकुशल बनाने तथा खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए आज कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता किसानों और उपभोक्ताओं का हित सुरक्षित करना है।
श्री पासवान ने यहां विगत चार वर्षों के दौरान अपने मंत्रालय की पहलों और सुधारों के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित किये गये एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मंत्रालय ने मई 2014 से अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। खाद्य वितरण प्रबंधन का जिक्र करते हुए उन्होेंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू कर दिया गया है। इससे लगभग 80.72 करोड़ आबादी को लाभ हुआ है। इस अधिनियम के तहत वितरित होने वाले मोटे अनाज, गेहूं और चावल के मूल्य में बदलाव नहीं करने का फैसला किया गया है। खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लागू हाेने के कारण 2.75 करोड़ राशन कार्ड समाप्त कर दिए गए हैं। इसके आधार पर सरकार ने प्रतिवर्ष लगभग 17,000 करोड़ रुपए की खाद्य सब्सिडी सही लाभार्थियों को देने का लक्ष्य रखा है।
श्री पासवान ने बताया कि फर्जी और अपात्र राशन कार्डों को समाप्त करने के लिए तथा इसे सही रूप से लक्षित करने के लिए 83.41 प्रतिशत अर्थात् लगभग 19.41 करोड़ राशन कार्ड आधार के साथ जोड़े गए हैं। इसके अलावा राशन कार्ड डाटा का 100 प्रतिशत डिजिटलीकरण कर दिया गया है। किसानों की कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए श्री पासवान ने कहा कि रबी मौसम 2018-19 में 347 लाख टन गेहूं की खरीद की गई थी, जो पिछले पांच वर्षों में सर्वाधिक है। पिछले चार वर्षों के दौरान निजी उद्यमी गारंटी योजना के अंतर्गत कुल 22.23 लाख टन भंडारण क्षमता जोड़ी गई है। महंगाई नियंत्रण के उपायों पर उन्होंने बताया कि देश भर के 102 केन्द्रों की 22 आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों की दैनिक आधार पर निगरानी की जा रही है। इनमें से, देश भर में वर्ष 2014 से 45 नए मूल्य सूचना केन्द्रों को जोड़ा गया है, जिनमें से दो केन्द्र पूर्वोत्तर से है।